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लेजर हथियार हमले में अमेरिकी पायलट घायल, अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया

नई दिल्‍ली : दक्षिण चीन सागर के लिए तनातनी के बाद अमेरिकी वायुसेना के विमान पर लेजर बीम छोड़ी गई, जिससे विमान का पायलट घायल हो गया। अमेरिका ने इसके लिए चीन पर सीधा आरोप लगाया है। अमेरिका का साफतौर पर कहना है कि यह काम चीन के अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकता है। आपको बता दें कि चीन और अमेरिका दोनों का ही जिबूती में मिलिट्री बेस है। चीन ने पिछले वर्ष जुलाई में अपने मिलिट्री बेस की यहां पर शुरुआत की है जबकि अमेरिका इससे पहले से ही यहां पर है। यहां पर जापान का भी एक मिलिट्री बेस मौजूद है, लेकिन जिस तरह के आरोप अमेरिका ने चीन पर लगाए हैं वह इस लिहाज से भी काफी गंभीर हैं क्‍योंकि लेजर बीम बेहद खतरनाक हथियार माना जाता है।अफ्रीका महाद्वीप के मुहाने पर स्थित जिबूती में अमेरिका का बड़ा सैन्य अड्डा है, जहां चार हजार जवान तैनात हैं। इनमें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप भी शामिल है। अमेरिका यहीं से यमन में चल रहे गृहयुद्ध और सोमालिया के हालात की निगरानी करता है। दोनों देशों के सैन्य अड्डों की दूरी कुछ ही किलोमीटर है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने लेजर बीम से निशाना बनाने की घटना को गंभीरता से लिया है और चीन सरकार से इसकी जांच करने के लिए कहा है। अमेरिका के मुताबिक यह घटना उस वक्‍त घटी जब अमेरिकी वायुसेना का विमान हरक्‍यूलिस सी 130 हवाई अडडे पर उतर रहा था। उसी वक्‍त विमान को निशाना बनाया गया जिसकी वजह से पायलट की आंखें खराब हो गईं हो वह जख्‍मी भी हो गया। अमेरिका ने यहां तक आरोप लगाया है कि यह घटना पहली बार नहीं घटी है बल्कि इस तरह की घटना चीन के यहां पर मिलिट्री बेस बनाने के बाद से करीब दस बार हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के आरोपों को चीन ने खारिज कर दिया है। जवाब में चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका के आरोप झूठे हैं। चीन की गलत तरीके से निंदा की जा रही है। चीन के लोग पूरी गंभीरता से अंतरराष्ट्रीय नियमों और जिबूती के कानून का पालन कर रहे हैं। वे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए वचनबद्ध हैं।

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