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वादा से मुकरने वाले बिल्डरों के खिलाफ FIR शुरू, मोफा के तहत पहला मामला दर्ज

residential-colony-generic-real-estate-flats_650x400_71439389057मुंबई: मुंबई में बिल्डरों के सताए एक खोजो हजारों मिलेंगे, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती। अब महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक का एक सर्कुलर ना सिर्फ उम्मीद बनकर आया है बल्कि कारगर भी होता दिख रहा है। मुंबई पुलिस के वनराई पुलिस थाने में ऐसी ही धोखाधड़ी की शिकायत पर मोफा कानून के तहत मामला दर्ज हुआ है। 1963 में बने महाराष्ट्र ऑनरशिप फ्लैट एक्ट के तहत अपनी तरह के इस पहले मामले में देशबंधु गुप्ता, खुशीराम गुप्ता, नीलेश गुप्ता और और लोढ़ा का नामदर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने अपनी शिकायत में लोढ़ा बिल्डर्स के पार्टनर मंगलप्रभात, अभिषेक और अभिनंदन लोढ़ा का नाम लिखा था। लेकिन पुलिस ने पता नहीं क्यों एफआईआर में सिर्फ लोढ़ा नाम लिखा? ज्ञात हो कि मंगलप्रभात लोढ़ा महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल बीजेपी के विधायक हैं। हालांकि लोढ़ा ग्रुप ने एक बयान जारी कर सफाई दी है कि इस विवाद से उनका कोई नाता नहीं है। हब मॉल जिस जमीन पर बना है उस जमीन की मालिकाना हक वाली कंपनी के अधिग्रहण के पहले ही मॉल बन चुका था और शिकायतकर्ता प्रवीण अग्रवाल से उनका कोई सौदा नहीं हुआ है।

कंपनी का ये भी कहना है कि प्रवीण अग्रवाल किसी फ्लैट के नहीं बल्कि हब मॉल के मालिक हैं। यानि ये एक व्यापारिक विवाद का मामला है ना कि बिल्डर और फ्लैट खरीददार का। मामला गोरेगांव में हाईवे से लगे हब मॉल प्रेमाइसेस का है।

शिकायतकर्ता प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक मॉल में दुकान बेचने के छह माह बाद भी बिल्डर ने सोसायटी नहीं बनाई तो दुकान धारकों ने अदालत की मदद से सोसाइटी बनाई। इस बीच बिल्डर ने  सोसायटी के बगल में ‘लोढ़ा फिओरेंजा’ नामक 60 मंजिला तीन टावर बनाना शुरू किया। जिसे बनाने के लिए सोसायटी की एफएसआई का इस्तेमाल किया गया जो अवैध है।

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