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विदेश सचिव ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के मामले में दिया पूरा ब्यौरा


नई दिल्ली : वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविरों को तबाह कर दिया। इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादियों व उनके प्रशिक्षकों को मार गिराया गया। विदेश सचिव विजय के.गोखले ने मीडिया से कहा कि इस नॉन मिलिटरी प्री-ऐप्टिव ऐक्शन में खासतौर से आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया। विदेश सचिव गोखले ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुख्ता खुफिया सूचना के बाद भारत ने जैश के ठिकानों पर नॉन मिलिटरी ऐक्शन के तहत हमला किया गया। विजय गोखले ने कहा, इस सूचना के बाद कि जैश के आतंकी भारत में और आत्मघाती हमले करने के फिराक में है, भारत द्वारा हमला करना जरूरी हो गया था। हमने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया, जिसमें कई बड़े आतंकी, सीनियर कमांडर और जेहादी मारे गए हैं। विदेश सचिव गोखले ने कहा कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा ऐसी भी सूचना थी कि जैश के आतंकी भारत में एकबार फिर आत्मघाती हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। जैश पाकिस्तान में पिछले 20 साल से आतंकी साजिश रच रहा है लेकिन पाकिस्तान उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जैश सरगना मसूद अजहर अंरराष्ट्रीय आतंकवादी है। जैश 2001 में भारतीय संसद पर आतंकवादी हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट हमले में शामिल रहा है। पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन के बारे में कई जानकारी दी गई थी। भारत जैश के खिलाफ कार्रवाई की लगातार मांग करता रहा है। बिना पाकिस्तान के संरक्षण के सैकड़ों जिहादी पैदा नहीं हो सकते हैं। पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना के पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की खबरें आ रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि आतंकी ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस मिशन में मिराज 2000 विमान शामिल थे। भारतीय वायुसेना को मिराज-2000 विमानों की सप्लाई फ्रांस की दसॉ कंपनी ने की है। इसी कंपनी ने राफेल लड़ाकू विमानों को तैयार किया है। साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे। इन अपग्रेडेड विमानों में नए रेडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगा है, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हो गया है। मिराज 2000 विमान एक साथ कई काम कर सकते हैं। विमान ज्यादा से ज्यादा विमान के बम या मिसाइल को दुश्मनों को ठिकाने पर ले जाकर गिराने में सक्षम है। यह हवा में दुश्मन का मुकाबला भी कर सकता है। स्पेक्ट्रा सिस्टम को दसॉ कंपनी ने तैयार किया है। इसमें पूरी तरह से ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक सिक्यॉरिटी सिस्टम है। उदाहरण के लिए, अगर दुश्मन का सिस्टम विमान के सिगनल को पकड़ लेता है और हवा के माध्यम से आगे सूचना देता है तो स्पेक्ट्रा सिस्टम उसको झांसा देता है। स्पेक्ट्रा सिस्टम दुश्मन के पास तुरंत मेसेज भेजता है कि कोई विमान डिटेक्ट नहीं हुआ है। इससे दुश्मन का रेडार धोखा खा जाता है। किसी खास काम के लिए जब किसी विमान को चुना जाता है तो उसकी रनवे क्षमता देखी जाती है। कुछ विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए अन्यों की तुलना में लम्बा रनवे चाहिए होता है। लेकिन मिराज 2000 के लिए 400 मीटर या उससे भी कम लंबा रनवे उपयुक्त है। विमान का स्पेक्ट्रा सिस्टम काफी सक्षम तरीके से काम करता है। यह पूरी तरह स्वचालित है यानी खुद से काम करता है। जाहिर सी बात है जब विमान इतनी अडवांस्ड टेक्नॉलजी से युक्त है तो इसका सिक्यॉरिटी सिस्टम भी कीमती होगा। विमान की कुल कीमत का 30 फीसदी इसके सिक्यॉरिटी सिस्टम की लागत है।

मिराज 2000 के साथ सिर्फ एक कमी है, वह है इसकी स्कैनिंग रेंज का कम होना। इसकी स्कैनिंग रेंज 145 किलोमीटर है जो अन्य किसी लड़ाकू विमानों की तुलना में कम है। लेकिन इसकी कई खासियतें भी हैं। जैसे यह एक साथ दो लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है। इसके अलावा दुश्मन इसके रेडार को जाम नहीं कर सकता है। वॉइस रिकॉग्निशन का मतलब होता है आवाज के इशारे पर काम करना। यानी आवाज देकर चलने को कहा तो चलने लगा और रुकने को कहा तो रुक गया। मिराज 2000 का वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम काफी जबर्दस्त है। विमान के कई फंक्शन को वॉइस कमांड्स यानी आवाज देकर नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें अत्याधुनिक वॉइस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर लगा है। यह विमान बड़े-बड़े रॉकेट्स और मिसाल के परिवहन में सक्षम है। यह 30 एमएम के रॉकेट्स, कई तरह की मिसाइलों और लेजर गाइडेड बमों को एक साथ ढो सकता है। मिराज 2000 का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि बहुत ही सक्षम और प्रभावी तरीके से दुश्मन को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है। विदेश सचिव ने बताया कि एक खुफिया जानकारी के बाद भारत ने एक नॉन मिलिटरी ऐक्शन की तैयारी की। उन्होंने कहा कि इसके बाद जैश के बालाकोट में हमला कर जैश के कैंप को तबाह कर दिया गया। इस हमले में जैश के कई बड़े आतंकी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादी मारे गए। इस कार्रवाई में इस बात का ख्याल रखा गया कि आम नागरिकों को इससे कोई नुकसान नहीं हो। गोखले ने कहा, ’20 साल से जैश पाकिस्तान से आतंक की साजिश रच रहा है। पाकिस्तान को कई बार जानकारी देने के बाद भी वह इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई से बचता रहा है। भारत का यह हमला बालाकोट में जैश के घने जंगलों में स्थित आतंकी ठिकानों पर किया गया ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।’ उन्होंने कहा कि बालाकोट में जैश के आतंकी कैंप को जैश सरगना मसूद अजहर का साला मौलाना यूसुफ अजहर चलाता है। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ देर पहले हमला किया है। पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकियों को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। भारत ने आतंक को खत्म करने के लिए नॉन मिलिटरी ऐक्शन के जरिए आतंकी ठिकानों को तबाह किया है।

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