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व्हाट्सऐप पर मामूली झगड़ा, छात्रों ने कर दी छात्र की हत्या

whatsapp-556fc2a0c829e_exlstदस्तक टाइम्स एजेन्सी/ किसी बात को लेकर व्हाट्सऐप ग्रुप में दो दोस्तों का झगड़ा हुआ। आमना-सामना हुआ तो बीच बचाव करने आए छात्र की हत्या कर दी। मामला पंजाब के लुधियाना का है। व्हाट्सऐप पर बहस के बाद दोनों दोस्तों ने चैटिंग के दौरान झगड़ा करने के लिए समय बांध दिया। दोनों गुटों की तरफ से युवक मौके पर पहुंच गए।

युवकों पर इस कदर खून सवार था कि उन्होंने बीच बचाव करने के लिए आए युवक को ही मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद आरोपी मृतक को वहीं छोड़ कर फरार हो गए। मृतक की पहचान गांव जंडियाला निवासी दविंदर सिंह (18) के रुप में हुई है।

सूचना मिलने के बाद पुलिस के उच्चाधिकारी और थाना साहनेवाल की पुलिस मौके पर पहुंच गई। थाना साहनेवाल के एसएचओ इंस्पेक्टर हरदीप सिंह ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है कि दविंदर की हत्या किस ग्रुप की तरफ से की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार दविंदर सिंह साहनेवाल के पास स्थित टैगोर पब्लिक स्कूल में 11वीं का छात्र था, लेकिन वह बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुका था। इसी स्कूल में पढ़ने वाले उसके दोस्तों ने वाट्सऐप पर एक ग्रुप बना रखा था। इसमें दविंदर भी शामिल था। दो दिन पहले ग्रुप के सदस्य हिमांशु और गुग्गू गरेवाल के बीच मामूली बात को लेकर बहस शुरू हो गई।

दोनों ने एक दूसरे को वाट्सऐप पर ही ललकारना शुरू कर दिया और रविवार को टैगोर पब्लिक स्कूल के सामने ग्राउंड में मिलकर एक दूसरे को देख लेने की बात कही। दविंदर ने हिमांशु को समझाया कि वह सब दोस्त है, झगड़ा करने का कोई फायदा नहीं है। वह उसके साथ चलेगा और गुग्गू के साथ उसका समझौता करवा देगा।

रविवार सुबह हिमांशु नहीं गया तो गुग्गू ने हिमांशु को फोन किया और कहा कि वह उससे डर गया। इसके बाद दो बजे दाना मंडी के पास ग्राउंड में मिलने की बात हुई। हिमांशु और दविंदर अपने कुछ साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। गुग्गू भी अपने करीब 18 साथियों के साथ वहां पहुंच गया। आते ही दोनों गुटों में कहासुनी हो गई और दोनों हाथापाई पर उतर आए।

दविंदर ने हिमांशु और गुग्गू के झगड़े में बीच बचाव करना चाहा, लेकिन इसी दौरान गुग्गू के किसी साथी ने दविंदर पर किरच से हमला कर दिया। इससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। दविंदर को जब तक अस्पताल पहुंचाया जाता तब तक उसकी मौत हो गई थी।

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