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‘सचिन-सचिन’ की पहली कहानी, जानिए उन्हीं की जुबानी

दुनिया के किसी भी मैदान में जब भी क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर बल्ला थामकर मैदान में उतरते थे, तो स्टैंड्स ‘सचिन-सचिन’ की आवाज से गूंज उठते थे। मगर अब सचिन ने खुद खुलासा किया कि इसकी शुरुआत कहां से हुई थी।
'सचिन-सचिन' की पहली कहानी, जानिए उन्हीं की जुबानी
सचिन ने बताया की एक सुर में ‘सचिन-सचिन’ की शुरुआत उनकी मां ने की थी। सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने कबी नहीं सोचा था कि यह उनके संन्यास के बाद भी लोगों में बरकरार रहेगा। सचिन ने खुशी जताते हुए कहा कि अब यह थियेटर तक भी पहुंच गया है। उन्होंने अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ के एक सॉन्ग रीलीज पर एक बात कही। फिल्म 26 मई को रीलीज होगी।

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जब सचिन तेंदुलकर से पुछा गया कि उन्होंने सबसे पहली बार ‘सचिन-सचिन’ कब सुना था, तो इस पर उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत उनकी मां ने की थी। सचिन ने बताया कि जब वो खेलने के लिए नीचे जाते थे उनकी मां वापस बुलाने के लिए ‘सचिन-सचिन’ कहती थीं।

युवा तेंदुलकर की बल्ला थामे हुए तस्वीर के बारे में उन्होंने कहा वह असल में घर में खींची गयी थी। सचिन ने कहा, “जब मैं अपने भाई के साथ खेल रहा था, तब यह बालकनी में खींची गयी। मैं तब चार या पांच साल का था। मैं गेंद को हिट करना पसंद करता था। चाहे वह क्रिकेट का बल्ला हो या टेनिस का रैकेट। मेरा भाई टेनिस बॉल फेंकता था जिनमें से कुछ को मैं बल्ले से तो कुछ रैकेट से मारता था।”

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