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सतलोक आश्रम वाले संत रामपाल दोषी करार, पहले से ही थे सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

नई दिल्ली। अभी अभी हिसार के सेशन कोर्ट ने आज सतलोक आश्रम वाले संत रामपाल पर फैसला सुना दिया। रामपाल को दोनों मामले में हिसार कोर्ट ने दोषी करार दिया। इन मामलों में 16-17 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। फैसले के मद्देनजर पूरे हिसार में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। बुधवार को ही जिले में धारा-144 लगा दी गई थी। साथ ही यहां की सभी सीमाएं सील कर दई गई थी। कोर्ट से तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया था। इस सुरक्षा घेरे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी थी।

सुनवाई से 48 घंटे पहले ही जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई थीं। रामपाल के समर्थक किसी तरह की कानून व्यवस्था ना बिगाड़ पाए इसके लिए प्रशासन पहले से ही मुस्तैद था। कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश और हरियाणा से विभिन्न हिस्सों से हिसार आने वाली ट्रेनों के परिचालन पर भी रोक लगाई गई। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां भी तैनात की। रामपाल पर 24 अगस्त को फैसला आना था लेकिन राम रहीम के मामले को देखते हुए सुरक्षा कारणों से इसे टाल दिया गया था। वहीं रामपाल पर देशद्रोह के मामले में 19 नवंबर को सुनवाई होगी। एफआईआर नंबर 429 के मुताबकि नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान वह और उसके 15 समर्थकों पर चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या करने का आरोप है। एफआईआर नंबर 430 के मुताबिक रामपाल और उसके 13 समर्थकों पर नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान आश्रम के भीतर एक महिला की हत्या का आरोप है।

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