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सरकारी जमीन पर भांग तो इन पर होगा मुकदमा

shimla-police-investigation-546b5570cf415_exl (1)दस्तक टाइम्स/एजेंसी: हिमाचल प्रदेश: चरस की पैदावार रोकने के लिए पुलिस प्रशासन अब किसी को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है। अगर अब सरकारी भूमि पर भांग के पौधे नजर आए तो पुलिस इलाके के फॉरेस्ट गार्ड और पटवारी पर सीधा मुकदमा करेगी। इस बारे में एसपी ने निर्देश जारी कर दिए हैं।

अब तक सरकारी भूमि पर भांग के पौधे मिलने पर पुलिस उसे उखाड़ नष्ट कर देती थी लेकिन अगली साल फिर से इन जमीनों पर भांग के पौधे लहलहाते नजर आते थे। अकेले चौपाल इलाके से पुलिस ने करीब 70 बीघा जमीन से भांग की फसल नष्ट की है।

निजी जमीन पर भांग की खड़ी फसल पर तीन लोगों के खिलाफ थाना चौपाल में मुकदमे भी दर्ज कर दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन का दावा है कि सरकारी भूमि पर भांग अगर उगाई जाती है तो उसमें संबंधित इलाके के पटवारी और फॉरेस्ट गार्ड की लापरवाही भी है।

अगर वह सतर्क रहें तो चरस तस्करों के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा लेकिन वह लापरवाह रहते हैं। इसलिए प्रशासन ने फैसला लिया है कि अगर सरकारी भूमि पर भांग के पौधे पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ भी मुकदमे होंगे। इस बात की पुष्टि एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने की है।

सरकारी भूमि पर भांग उगा रहे हैं चरस तस्कर
शिमला के चौपाल, नेरवा, रोहडू, कोटखाई, ठियोग के दूरदराज के इलाकों में कई लोग भांग की फसल चोरी छिपे तरीके से तैयार करते हैं। हर साल पुलिस इन पर नजर रखती है। चरस के कारोबार से जुड़े अधिकांश लोग इसके लिए सरकारी भूमि का इस्तेमाल करते हैं। खाली पड़ी जमीन पर गुपचुप तरीके से भांग लगा देते हैं उसके बाद मौका देखकर उससे चरस तैयार कर लेते हैं।

सरकारी भूमि पर फसल होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार होने का डर भी नहीं रहता। यह काफी कम होता है जब पुलिस इन दूर दराज के इलाके तक पहुंच पाए। अगर कभी आ भी जाए तो वह वहां भांग नष्ट करके चली जाती है।

 
 

 

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