राज्य

सीएम और मंत्री-विधायकों का बढ़ा वेतन, 18 लाख कर्मचारी 13 माह से कर रहे इंतजार

जयपुर.विधानसभा में बुधवार को अध्यक्ष व मुख्यमंत्री सहित मंत्री-विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने के तीन बिल पास कर दिए गए। वेतन डेढ़ गुना तक बढ़ाया गया है। पांच साल बाद हुई इस बढ़ोतरी के लिए तीनों विधेयक महज 10 मिनट में पास कर दिए गए। इन पर न तो किसी विधायक ने कोई विरोध किया, न ही किसी प्रकार का सुझाव दिया। दूसरी ओर, राज्य के आठ लाख अधिकारियों और कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का पिछले 13 माह से इंतजार है।
  
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और पूर्व विधायकों के वेतन, पेंशन और भत्ते बढ़ाने से सरकार पर सालाना 19 करोड़ रु. से अधिक का वित्तीय भार पड़ेगा। इससे पहले अशोक गहलोत के कार्यकाल में 2012 में इनके वेतन में बढ़ोतरी की गई थी।
 
पांच साल बाद बढ़ा जनप्रतिनिधियों का वेतन, 19 करोड़ का भार आएगा
अब सीएम का वेतन 55 हजार
विधायकों का वेतन 25 हजार रु.
– विधायक का वेतन 15 हजार से 25 हजार
– रेल यात्रा सुविधा भत्ता डेढ़ से बढ़ाकर 2 लाख
– सचिवालय भत्ता 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार
– दैनिक भत्ता राज्य में 1 हजार से बढ़ाकर 1500 रु.
– दैनिक भत्ता राज्य के बाहर 1250 से बढ़ा 1750 रु.
 
पूर्व विधायकों के भत्ते, पेंशन भी बढ़े
पूर्व विधायकों की पेंशन 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रु. की। मुफ्त यात्रा भत्ता 25 से बढ़ाकर 50 कर दिया गया है।
 
पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलेंगी आवास सहित कई सुविधाएं
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट स्तर के मंत्री की तरह सरकारी आवास की सुविधा जयपुर या जयपुर से बाहर मिलेगी। आवास उपलब्ध न होने पर किराया भत्ता देय होगा। राजकीय कार, संचार की समस्त सुविधाएं दी जाएंगी। एक निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक यूडीसी, दो सूचना सहायक, तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी दिए जाएंगे। सुविधा नहीं लेने पर इनका मासिक भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में बिल पास किया।
 
11 साल बाद बढ़ेगा कर्मचारियों का वेतन
कर्मचारियों को छठा वेतनमान 2006 में मिला था। केंद्र सरकार ने सातवांं वेतनमान दे दिया। राज्य सरकार ने मार्च 2016 के बजट में ही यह घोषणा की गई थी कि सातवां वेतनमान देने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी का गठन 2017 में बजट पास करने के बाद किया गया। यानी 11 साल बाद वेतन बढ़ोतरी की आस बंधी। लेकिन करीब 8 लाख कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का अब तक इंतजार है। इससे सरकार पर 10 हजार करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा।
 
निकाय अफसरों के वित्तीय पावर मेयर व चेयरमैन को मिलेंगे
राज्य के नगर निगम, नगर पालिका परिषद सहित 190 निकायों के मेयर और चेयरमैन को फिर से भाजपा सरकार ने वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2017 बुधवार को सदन में पास कर दिया। मेयर, चेयरमैन को किस मामले में कितनी वित्तीय सीमा के अधिकार दिए जाए, इसके लिए अभी नियम बनेंगे। वर्ष 2011 में यह अधिकार कांग्रेस सरकार ने खत्म कर दिए थे।

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