स्वास्थ्य

’सुपरबग’ है बड़ा खतरा, एंटीबायोटिक दवाएं का भी नहीं होता प्रभाव

वाशिंगटन (ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार ऐसे बैक्टीरिया की सूची तैयार की है जिन पर एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर (सुपरबग) हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि यह 12 बैक्टीरिया मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं और इनके कारण हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। इस सूची को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, ताकि इनसे मुकाबले के लिए नई एंटीबायोटिक दवाएं तैयार की जा सकें।

इस सूची में शामिल कुछ बैक्टीरिया ऐसे हैं जो अस्पताल में भर्ती कमजोर मरीजों के खून में जानलेवा संक्रमण फैला सकते हैं। विशेषज्ञ कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि कुछ संक्रमणों का इलाज मौजूदा एंटीबॉयोटिक से संभव नहीं होगा। ऐसे में सामान्य संक्रमण भी जानलेवा हो जाएंगे। डब्ल्यूएचओ की डॉक्टर मैरी पॉल कीनी का कहना है कि इस सूची का मकसद लोगों में सुपरबग के प्रति डर पैदा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे इसलिए तैयार किया गया है, ताकि समय रहते इनसे निपटने के लिए दवाओं के शोध एवं विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

कीनी का कहना है कि एंटीबायोटिक की प्रतिरोधक क्षमता चेतावनी के स्तर पर पहुंच गई है और कोई नई दवा नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि इलाज के विकल्प तेजी से कम हो रहे हैं। डॉक्टर कीनी ने कहा कि यदि सिर्फ बाजार पर ही सबकुछ छोड़ दिया गया तो समय रहते नए एंटीबॉयोटिक विकसित नहीं किए जा सकेंगे। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि दवा कंपनियां ऐसी ही दवाइयां विकसित करें जिन्हें बनाना सस्ता है और जिनमें मुनाफा ज्यादा है। विशेषज्ञों ने दवाइयों की प्रतिरोधात्मक क्षमता को ध्यान में रखकर नई सूची तैयार की है।

इससे सात लाख लोग हर साल दुनिया में मारे जाते हैं दवारोधी संक्रमण के कारण

2050 तक 10 लोगों की मौत हो सकती है, अगरयही स्थिति रही तो अमेरिका में इस समय 40 एंटीबायोटिक चिकित्सकीय परीक्षण के दौर में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इनमें से आधी दवाएं भी सुपरबग से मुकाबले में सक्षम नहीं हैं। पहले समूह के रोगाणु आमतौर पर आईसीयू जैसे बेहद संवेदशील स्थानों पर होते हैं और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अपना निशाना बनाते हैं।

दूसरी श्रेणी के बैक्टीरिया स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों पर या उनके उपकरणों पर पाए जाते हैं, जो सही से साफ नहीं किए जाते या संक्रमित हो जाते हैं। तीसरी श्रेणी के बैक्टीरिया खाद्य विषाक्तता जैसे सामान्य संक्रमणों के लिए जिम्मेदार हैं, जो कम विकसित देशों में पाए जाते हैं। रोगाणुओं से मुकाबले को दवाएं समय रहते विकसित नहीं हुईं तो परेशानी होगी। सूची में शीर्ष पर एक क्लेबसीला नाम का बैक्टीरिया भी शामिल है।

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