अद्धयात्म

सुबह उठते ही करे अपनी हथेली के दर्शन

हम आंख खुलते ही कोई ऐसी चीज देखना पसंद नहीं करते जिससे हमारा दिन खराब हो. हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए ऋषियों ने कर दर्शनम् का संस्कार हमें दिया है. हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है. हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई.सुबह उठते ही करे अपनी हथेली के दर्शन

सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए. यहां जानिए क्या होता है सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से. सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें. फिर  इस  मन्त्र  का  जाप  करे .
 
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती.

करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम.

अर्थात- (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है.

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