उत्तर प्रदेशराजनीति

सोनिया के दुर्ग में बागी हुए दिनेश सिंह, कहा- रायबरेली अब BJP के साथ

2019 लोकसभा चुनाव से महज एक साल पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को बीजेपी बड़ा झटका देने जा रही है. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने अपने पूरे परिवार के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया है. रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वे पार्टी में शामिल होंगे. जिले के जीआईसी मैदान में कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. कांग्रेस के दुर्ग में बीजेपी की एक लाख लोगों की भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का एहसास करने की मंशा है.सोनिया के दुर्ग में बागी हुए दिनेश सिंह, कहा- रायबरेली अब BJP के साथ

रायबरेली से कांग्रेस का एक बड़ा खेमा बीजेपी में शामिल हो रहा है. एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंह सहित कई जिला पंचायत सदस्य और कई दर्जन पंचायत सदस्य बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. जबकि उनके एक भाई हरचंद्रपुर से विधायक राकेश प्रताप सिंह कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे.

दिनेश प्रताप सिंह ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने रायबरेली को प्राइवेट लिमिटेड समझ लिया है. रायबरेली नेहरू-गांधी परिवार के लिए एंजॉय करने की जगह बन गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भ्रूण हत्या कर रहा है.

दिनेश सिंह ने कहा कि रायबरेली कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ नहीं रहा है. यहां सोनिया गांधी को लोग वोट करते हैं ना कि कांग्रेस पार्टी को. रायबरेली में कांग्रेस जब खुद लड़ती है तो उसे 10 से 20 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं. रायबरेली में सोनिया अपने सिवा किसी को दूसरे को सांसद, विधायक, एमएलसी और पंचायत प्रमुख का चुनाव नहीं जिता पाती हैं.

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के अलावा जब कभी कोई कांग्रेस का यहां से चुनाव लड़ा है तो उसे 50 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिल पाया. इसलिए इसे कांग्रेस का गढ़ हम नहीं कह सकते. जबकि वहीं लखनऊ को देखिए अटल बिहारी वाजपेयी आज वह भले ही  लखनऊ से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. वहां बीजेपी का कोई भी चुनाव लड़ता है तो वह जीत हासिल करता है. इसे गढ़ कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि हमेशा से रायबरेली को नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता रहा है. लेकिन इसे कभी कांग्रेस का गढ़ नहीं बनाया गया बल्कि इसे गांधी-नेहरू खानदान का घर बनाया गया. रायबरेली में पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड बनाकर रख दिया गया.

दिनेश सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि रायबरेली की मिट्टी पर जिले के कार्यकर्ताओं की भ्रूण हत्या हो रही है. ये भ्रूण हत्या कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कर रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व जिस भी पार्टी के कार्यकर्ता की शहादत लेना चाहती है वो ले लेती है. 

दिनेश सिंह ने कहा कि मैं कांग्रेस की बदौलत कभी नहीं जीता हूं. अगर कोई यह कह दे कि मैंने कांग्रेस की बदौलत यह जीत हासिल की है तो मैं आज ही इस्तीफा देने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मेरी जीत में तमाम दलों से जीते हुए गांव के प्रधान और लोग शामिल है, इसमें कांग्रेस का कोई रोल नहीं है.

उन्होंने कहा कि रायबरेली की मिट्टी को जहां सम्मान मिलेगा वही दिनेश सिंह जा रहा है. इसीलिए हम अब बीजेपी में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमित शाह जी हमें ज्वाइन कराने रायबरेली नहीं आ रहे हैं बल्कि मैं खुद ही उन्हें रायबरेली बुलाने गया था. वे मेरे आमंत्रण पर आ रहे हैं, मैं दिल्ली में उनसे मिला था. दिनेश सिंह ने कहा कि अमित शाह जी रायबरेली को सम्मान दिलाने और विकास की राह पर ले जाने के लिए आ रहे हैं. वो कांग्रेस को तोड़ने रायबरेली नहीं आ रहे, जो यह सोचता है वह गलत है. बीजेपी के लोगों को साथ लेकर रायबरेली की सेवा करूंगा. मेरी यही कोशिश होगी कि जिले के लोग रायबरेली में सोनिया गांधी से बेहतर अमित शाह को समझें.  

उन्होंने कहा कि हम सोनिया गांधी के समानांतर रायबरेली का विकास करेंगे. बीजेपी के साथ मिलकर यहां विकास करूंगा. जिले के विकास को लेकर सोनिया गांधी से कंपीटिशन करेंगे, ऐसे में अगर हम अच्छा करेंगे तो हम रायबरेली जीतेंगे और अगर वो बेहतर करेंगी तो वो जीतेंगी.

दिनेश सिंह ने कहा कि हमें योगी जी और मोदी जी की ईमानदारी पर भरोसा है. सोनिया गांधी को हराने की बात नहीं कह रहा हूं बल्कि हम मोदी जी के लिए एक और सीट का इंतजाम कर रहे हैं. इसलिए काम कर रहा हूं कि अगली बार जब बीजेपी की सरकार बने तो रायबरेली उनके साथ खड़ा हो.

दिनेश सिंह ने किशोरी लाल शर्मा पर हमला करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के एक प्रभारी हैं जो लुधियाना से आते हैं, कांग्रेस उसे अपना कार्यकर्ता बनाती है जो 5 वोट भी ना दिला सकता. मुझे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तोड़ने की जरूरत नहीं है हमने रायबरेली के जनमानस को जीता है इसलिए कार्यकर्ता नहीं बल्कि जनमानस हमारे साथ है.

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