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स्कूल बच्चों काे सांप,नेवले और कुत्ते दाैड़ते हैं

दस्तक टाइम्स / एजेंसी

layanयमुनानगर: यमुनानगर के अकालगढ़ का माजरा गांव में स्कूल जाने के लिए बच्चों के पास रास्ता ही नहीं है। आलम यह है कि बच्चों को कई मीटर तक खेतों से गुजर कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। ऐसे में कई बच्चे रास्ते में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। स्कूल बनने के 11 साल बाद भी शिक्षा विभाग अभी तक बच्चों के लिए रास्ता नही बनवा पाया है।खेतों के बीच से गुजर रहे यह बच्चे कहीं सैर करने के लिए नहीं बल्कि पढ़ाई करने के लिए अपने स्कूल में जा रहे है। बारिश के दिनों में तो यह स्थिति और भयंकर हो जाती है। खेतों के बीच से स्कूल जाते समय कई बार बच्चे गिरकर घायल भी हो जाते हैं। इतना ही नहीं उन्हें खेत के बीच से सांप तथा अन्य जानवर आने का भी खतरा बना रहता है।स्कूल में पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों की मानें तो उन्हें इस प्रकार से स्कूल आने में रोजाना बहुत दिक्कत होती है। रास्ता न होने के कारण खेत की मेड से होते हुए उन्हें स्कूल पहुंचना पड़ता है। कई बार खेत से नेवला आदि निकलने का भी डर लगा रहता है।गांव के लोग कहते हैं कि बड़े विधायक और मंत्रियों के बच्चे तो अपने घर के गेट से स्कूल के गेट तक कार में ही जाते हैं। उनके लिए हर प्रकार की सुविधा है, लेकिन क्या इन गरीब बच्चों के लिए कोई रास्ता तक नहीं बनवा सकते। जिस रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं। वहं पर कई बार सांप आदि निकल जाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार कुछ बच्चों को कुत्ते भी काट चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों के स्कूल जाने के लिए जल्द रास्ता बनवाने की भी अपील की है।स्कूल के अध्यापक भी इस बात को स्वीकार करते हैं। अध्यापक शशी भूषण के अनुसार 2004 में स्कूल बनने के बाद से ही यहां रास्ते की दिक्कत है। रास्ता न होने के कारण बारिश के दिनों में बच्चों को काफी दिक्कत होती है। बच्चों के परिवार वालों को भी हर समय उनके चोटिल होने का डर लगा रहता है। इसे लेकर सीएम विंडों पर भी शिकायत की थी,लेकिन अभी तक उस पर भी कुछ नही हुआ।शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बात से अनभिज्ञ नहीं। खुद खंड शिक्षा अधिकारी भी मानते हैं कि इस बात को लेकर गांव के लोगों ने कई बार प्रयास किया था। पूर्व की सरकार में खुले दरबार में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। उसके बाद इसे हाई लेवल पर भी उठाया गया था। अभी भी उनके प्रयास जारी हैं।

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