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हाईकोर्ट ने पूछा, राज्यमंत्री ने एक ही साल में किस कॉलेज से ली MBA की डिग्री

chaudhary_1444805087दस्तक टाइम्स/एजेंसी: अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट में राज्यमंत्री शंकर चौधरी की फर्जी एमबीए डिग्री मामले की जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने पूछा कि- कौन सा कॉलेज है जो एक साल में एमबीए करवाता है? चौधरी की फर्जी डिग्री के मामले में चुनाव आयोग ने जांच क्यों नहीं की? साथ ही शंकर चौधरी, राज्य सरकार एवं चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि चौधरी ने 2011 में 12 वीं उत्तीर्ण की। अगले ही साल अर्थात 2012 में एबीए की डिग्री ले ली। एक ही साल में कोई व्यक्ति तीन साल का कोर्ष कैसे पूरा कर सकता है। चौधरी की डिग्री फर्जी है।

जनप्रतिनिधित्व के तहत ही कार्रवाई:
चौधरी की एमबीए डिग्री होने का मामला उत्तर गुजरात के फरसूभाई गोकलाणी हाईकोर्ट ले गए हैं। याचिका में कहा है कि- वाव विधानसभा के प्रतिनिधि के रूप में चुनाव आयोग के ध्यान में भी वे ये मामला लाए, चुनाव आयोग ने जवाब दिया- वह संबंधित फोरम के समक्ष ये बात रख सकते हैं। वहीं गुजरात सरकार ने कहा कि- चुनाव आयोग के समक्ष यदि गलत शपथपत्र पेश किया जाता है तो ऐसे मामले में आयोग जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत ही जांच कर सकता है। कोई क्रिमिनल शिकायत नहीं हो सकती। हाईकोर्ट ने इस पर चुनाव आयोग से लिखित में जवाब देने को कहा है यह भी टिप्पणी की कि -जब किसी सरकारी केन्द्र के समक्ष गलत शपथपत्र पेश करना अपराध होता है तो इस मामले में फौजदारी कानून क्यो लागू नहीं होता?
 
नैतिकता बची हो तो मंत्री से इस्तीफा ले सरकार: कांग्रेस
फर्जीडिग्री मामले में कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि- भाजपा सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वह अपने मंत्री का त्याग पत्र ले ले। राज्यमंत्री शंकर चौधरी जनहित याचिका कांग्रेस प्रेरित है अथवा नहीं इस दलील की बजाय ये बताएं कि एमबीए की डिग्री फर्जी है कि असली।

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