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हार्दिक पटेल के खिलाफ FIR में भड़काऊ फोन कॉल्स के सबूत, ट्रेन जलाने और तोड़फोड़ करने की बात कही

दस्तकhardik-patel__144557067064_650x425_102315085129 टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:  गुजरात में पटेल आरक्षण के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे युवा नेता हार्दिक पटेल के ख‍िलाफ पुलिस ने जो FIR दर्ज की है, उसमें उनकी फोन पर हुई बातचीत का ब्योरा भी है, जिसमें वे अपने सहयोगियों को तोड़-फोड़ व आगजनी के लिए उकसा रहे हैं.

पुलिस ने करीब 40 कॉल इंटरसेप्ट किए हैं, जिनका टेप जारी किया गया है. इसमें हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों के बीच हुई बातचीत का ब्योरा है. ज्यादातर बातचीत गुजराती में हुई है. इसमें ट्रेनों में आग लगाने की कोश‍िश से लेकर बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने की बात किए जाने का सिलसिलेवार जिक्र है.

एक कॉल में हार्दिक अपने साथि‍यों से कह रहे हैं, ‘अगर हमें श‍िवाजी, भगत सिंह और सरदार पटेल जैसा बनना है, तो हममें विधानसभा में बम रखने की हिम्मत भी होनी चाहिए.’

FIR में कहा गया है कि हार्दिक 18 अक्टूबर को राजकोट वनडे मैच की शाम को अपने सहयोगियों से खाली बोतलें फोड़ने और टायरों में आग लगाकर सभी हाइवे ठप किए जाने की बात कह रहे हैं.

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और पांच अन्य लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोपों के तहत दर्ज 27 पृष्ठों वाली प्राथमिकी में कहा गया है कि हार्दिक ने अपने समुदाय के लोगों को गुजरात सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की खातिर हिंसक तरीके अपनाने के लिए उकसाया.

‘गुजरात सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भड़काया’
जांच एजेंसी ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के सदस्यों और इसके संयोजक हार्दिक के भाषणों और टेलीफोन पर हुई बातचीत का ब्योरा पेश किया गया, जिसके अनुसार इन लोगों ने आंदोलकारियों को राज्य सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भड़काया.

‘1 घंटा के भीतर पूरा गुजरात जला दो’
FIR के मुताबिक, 25 अगस्त को अहमदाबाद में हुई पाटीदार समाज की रैली से पहले भी आंदोलन से जुड़े नेताओं के बीच भड़काने वाली बातचीत हुई. इसमें कहा गया कि आरोपियों ने एक घंटे के भीतर पूरा गुजरात जला देने की बात कही थी.

पटेल नेताओं के खिलाफ शिकायत 25-26 अगस्त को और इसके बाद भी हिंसा भड़काने के लिए दर्ज की गई है. अहमदाबाद की अपराध शाखा में एसीपी केएन पटेल की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है, ‘आंदोलन समिति की कोर कमेटी के कुछ नेताओं तथा आंदोलनकारियों की बातचीत से स्पष्ट दिखता है कि ये लोग पटेल समुदाय को भड़का रहे थे और उनसे सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, जलाने तथा गुजरात की निर्वाचित सरकार को हटाने के लिए युद्ध छेड़ने के लिए भी कह रहे थे.’

इसमें कहा गया है, ‘अहमदाबाद में 25 अगस्त को शुरू हुई हिंसा से स्पष्ट तौर पर उस सिलसिले का खुलासा होता है, जो हार्दिक पटेल के पहले भाषणों को समर्थन मिलने के साथ शुरू हुआ. दूसरे आरोपियों की बातचीत से भी यही खुलासा होता है.’

हार्दिक व 5 अन्य के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस
अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने हार्दिक के खिलाफ और पांच अन्य लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का दूसरा मामला दर्ज किया था. अपराध शाखा की ओर से आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 124 (देशद्रोह- सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना या विद्रोह करना), 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना) और 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ काम करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. प्राथमिकी में हार्दिक के अलावा दिनेश पटेल, चिराग पटेल और अल्पेश पटेल शामिल हैं. पुलिस ने पटेल आंदोलन समिति के दो सदस्यों दिनेश और चिराग को गिरफ्तार किया था.

 

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