उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी के शहरों में हर सौ में से 13 पुरुष डायबिटीज के रोगी, सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

लखनऊ: बिगड़ती लाइफ स्टाइल और खानपान का सीधा असर यूपी वालों की सेहत पर पड़ रहा है। वे मधुमेह यानि डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। तनाव भी इसके कारणों में से एक है। खास बात यह है कि 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोग तेजी से डायबिटीज के रोगी हो रहे हैं। इनमें पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा अधिक है। प्रदेश की बात करें तो सौ में से 13 से ज्यादा पुरुष इस बीमारी की गिरफ्त में हैं और ब्लड शुगर लेवल ठीक रखने के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 की रिपोर्ट में इस बार 15 साल और उससे अधिक उम्र वालों के ब्लड शुगर लेवल के सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है। यह सर्वेक्षण ब्लड शुगर की रैंडम जांच पर आधारित हैं। सर्वे के अनुसार डायबिटीज के शिकार पुरुषों की स्थिति महिलाओं से ज्यादा खराब है। शहरों में 141 से 160 ब्लड शुगर वाले पुरुषों का आंकड़ा 6.1 फीसदी और गांवों में 5.7 फीसदी है। 160 से अधिक ब्लड शुगर वाले शहरों में 6.1 प्रतिशत और गांवों में 4.6 प्रतिशत हैं। वहीं उच्च और अति उच्च ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए दवा का सेवन करने वाले शहरी पुरुष 13.2 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 11.1 प्रतिशत है।

जिन युवतियों और महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल उच्च यानि 141 से 160 के बीच है, उनकी संख्या शहरी क्षेत्र में 05 फीसदी और ग्रामीण इलाके में 4.7 प्रतिशत है। वहीं 160 से अधिक ब्लड शुगर वाली शहरी महिलाएं 5.6 प्रतिशत और ग्रामीण 4.2 प्रतिशत हैं। जबकि 11.3 प्रतिशत शहरी महिलाएं ऐसी हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन कर रही हैं। गांवों में इनकी संख्या 9.6 फीस

क्या कहते हैं विशेषज्ञ-

सैफई मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रमाकांत रावत ब्लड शुगर अधिक होने के लिए कई कारणों को जिम्मेदार बताते हैं। उनका कहना है कि लोगों में जागरूकता बढ़ने से जांच भी अधिक हो रही हैं। लोगों की लाइफ स्टाइल में तेजी से बदलाव हुआ है। खासतौर से मिडिल क्लास में फास्ट फूड की तरफ झुकाव बढ़ा है। डा. रावत खानपान के अलावा तनाव को भी इसका कारण मानते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह सेंपल सर्वे रैंडम जांच पर आधारित है लेकिन निष्कर्षों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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