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3,30,000000000 रूपए की नगदी है इनफोसिस में झंझट की जड़

इनफोसिस के संस्थापकों और कंपनी के बोर्ड के बीच चल रही अंदरूनी तकरार के पीछे लगभग पांच अरब डॉलर की नगदी है.

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस के पास पांच अरब डॉलर कई वर्षों से बिना किसी इस्तेमाल के पड़ा हुआ है. रूपए में आँके तो ये रकम लगभग तीन खरब 30 अरब रूपए के बराबर है.

एनआर नारायणमूर्ति, मोहनदास पई,  डीएन प्रह्लाद जैसे कंपनी के संस्थापकों ने इनफोसिस बोर्ड से कहा है कि आखिर इस नकदी का इस्तेमाल कंपनी के शेयरधारकों के हित में क्यों नहीं किया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक संस्थापक चाहते हैं कि इनफोसिस की नगदी का उपयोग सीईओ विशाल सिक्का की सैलरी या कंपनी से अलग होने वाले अधिकारियों को मिलने वाले पैकेज के लिए न किया जाए.

डीएन प्रह्लाद फिलहाल कंपनी में स्वतंत्र निदेशक हैं लेकिन नारायणमूर्ति के काफी करीब माने जाते हैं.

ये सभी नगदी के उचित इस्तेमाल न होने से नाराज हैं. हालांकि बोर्ड के दिए पत्र में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर भी सवाल उठाए गए थे.

ये खबर सबसे पहले सीएनबीसी टीवी18 ने ब्रेक की थी. इसके बाद सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी के कर्मचारियों को पत्र लिख कर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी.

माना जा रहा है कि सिक्का नई पीढ़ी के सीईओ हैं और ज्यादातर कर्मचारी उनके साथ हैं.

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