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68वें गणतन्त्र दिवस में NSG कमांडो भी गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाएंगे अपना दम

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है इस दिन राजपथ, नई दिल्ली पर एक विशेष परेड का आयोजन किया जाता है, जो कि राष्ट्रपति भवन, राजपथ से होते हुए इंडिया गेट को जाती है। सबसे पहले राष्ट्रपति झंडा लहराते है, रास्ट्रीय गान गाते है, फिर २१ तोपों की सलामी दी जाती है उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान (अवार्ड्स) जैसे अशोक चक्र और कीर्ति चक्र दिए जाते हैं।

इस साल 68वें गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार एनएसजी कमांडो का दस्ता हिस्सा ले रहा है। इससे पहले एनएसजी कमांडो गणतंत्र दिवस परेड को सुरक्षा-कवच प्रदान करते आए थे। एनएसजी कमांडो हाथों में खास एमपी-5 राइफल लिए मार्च करेंगे।

पठानकोट में हुए आतंकी हमले में एनएसजी की अहम भूमिका को देखते हुए ही सरकार ने इस बार ब्लैक कैट कमांडोज़ को इस बार गणतंत्र दिवस परेड को लिए खासतौर से चुना है। अभी तक सेना के पैरा-एसएफ यानी स्पेशल फोर्स के कमांडो ही रिपब्लिक-डे परेड का हिस्सा होते थे लेकिन अब एनएसजी भी इस श्रेणी में शामिल हो गई है।

अपने पारंपरिक काले कॉम्बेट ड्रेस में करीब 100 ब्लैक कैट कमांडो हिस्सा होंगे। इनमें से 72 कमांडो मार्च-पास्ट में हिस्सा लेंगे और बाकी के कमांडो ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली खास गाड़ियों में होंगे। खास बात ये भी है कि एनएसीजी के मार्चिंग दस्ते में डॉग स्‍क्‍वॉयड और बम निरोधक दस्ते भी होंगे। आतंकियों के बीच खौफ का पर्याय बन चुके एनएसजी के कमांडो अपने युद्धघोष यानी वॉर क्राई हैं ना, हैं ना, हिंदुस्तान’ के साथ राजपथ पर मार्च पास्ट करेंगे और उनके हाथों में उनका खास हथियार एमपी-राइफल भी होगा।

एनएसजी का गठन 1984 में हुआ था और तब से ही वह आतंकी हमलों से निपटने का काम कर रहे हैं। मुंबई में हुआ आतंकी हमला हो या गुजरात के अक्षरधाम मंदिर या फिर पठानकोट एयरबेस कैंप हर जगह एनएसजी ने अदम्य साहास का परिचय दिया।

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