उत्तर प्रदेशराष्ट्रीयलखनऊ

9वीं व 10वीं के छात्रों पर मेहरबान हुई यूपी सरकार

राakhilesh-yadav-5675896839352_exlst (1)ज्य सरकार ने 9वीं और 10वीं के अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों को वजीफा देने के लिए मौजूदा आय सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है।

अब अगले सत्र से दो लाख रुपये तक सालाना आमदनी वाले परिवारों के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। अभी 30 हजार रुपये सालाना आमदनी वाले परिवारों के विद्यार्थी ही छात्रवृत्ति पाते हैं। नई व्यवस्था लागू होने पर लाखों छात्रों को इसका फायदा होगा।

9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को साल में 720 रुपये छात्रवृत्ति दी जाती है। पिछले साल अन्य पिछड़ा वर्ग के 2 लाख 62 हजार 284 छात्र-छात्राओं को 18.76 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई।

लेकिन, नियमानुसार 30 हजार रुपये से ज्यादा वार्षिक आय वाले पिछड़े वर्ग के परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। नतीजतन बड़ी तादाद में विद्यार्थी योजना के दायरे से बाहर हो जाते हैं।

वहीं 10वीं से ऊपर के उन सभी छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई भी की जाती है, जिनके अभिभावकों की सालाना आमदनी दो लाख रुपये तक है। यहां तक कि केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित गरीबी रेखा की आय सीमा भी 30 हजार रुपये से अधिक है।

इन सब स्थितियों को देखते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय ने 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए भी आय सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव भेजा।

चूंकि, यह प्रस्ताव शासन की मौखिक स्वीकृति लेने के बाद ही भेजा गया है, इसलिए इसको मंजूरी मिलना तय है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कहना है कि आयसीमा दो लाख रुपये कर दिए जाने से कम से कम डेढ़ से दो लाख और छात्र इस योजना के दायरे में आ जाएंगे।

मामले पर पिछड़ा वर्ग के सचिव डॉ. हरिओम का कहना है कि 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को वजीफा देने के लिए आयसीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने पर विचार किया जा रहा है। नियमावली में संशोधन के लिए प्रस्ताव उच्चस्तर पर भेजा जा चुका है।

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