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97 मुस्लिमों की हत्यारी को हुयी कड़ी सजा, अमित शाह इसी बीजेपी महिला नेता का कर रहे थे बचाव

गुजरात: 97 मुसलमानों की गुजरात के नरोदा पाटिया में हत्या कर दिए जाने का आरोप है। यह घटना गुजरात दंगों के दौरान हुई थी। इस गंभीर मामले में दोषी पाई गई माया कोडनानी के गवाह अमित शाह हैं।97 मुस्लिमों की हत्यारी को हुयी कड़ी सजा, अमित शाह इसी बीजेपी महिला नेता का कर रहे थे बचाव

 

BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने माया कोडनानी का बचाव किया है। अमित शाह ने कोर्ट में बयान दिया है कि जिस दिन नरोदा पाटिया दंगा भड़का था, उस दिन माया कोडनानी विधानसभा में थी।

गौरतलब है कि, 2002 में गोधरा कांड के ठीक अगले दिन गुजरात के नरोदा पाटिया में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

अमित शाह & कोदनानी विधान सभा में…

 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कोर्ट को बताया कि ’28 फरवरी को मैं सुबह 7:00 बजे अपने घर से विधानसभा के लिए निकला, सदन की कार्यवाही सुबह 8:30 बजे से शुरू होनी थी। विधानसभा में अध्यक्ष समेत सभी सदस्य मौजूद थे, कोडनानी भी विधान सभा में मौजूद थी। सुबह 9:30 से 9:45 तक मैं सिविल अस्पताल में था और माया कोडनानी से वहां मिला था, मैं लोगों से घिरा हुआ था। इस लिए माया कोडनानी को बचाया जाए।

अमित शाह ने कहा…

AMIT SHAH ने आगे कहा कि जब मैंने अस्पताल छोड़ा माया कोडनानी और मुझे अपनी अपनी कारों तक पुलिस जीप से ले जाया गया। विधानसभा में गोधरा ट्रेन कांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई थी।

गौरतलब है कि गोधरा कांड के वक़्त कोडनानी नरोदा पाटिया की विधायक हुआ करती थीं।

गौरतलब है कि मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व विधायक माया कोडनानी की अपील पर कोर्ट ने अमित शाह को समन जारी किया गया था। कोडनानी के मुताबिक- जिस वक्त नरोदा गाम में दंगे हो रहे थे वह अमित शाह के साथ अहमदाबाद के शोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं। कोडनानी के इसी बयान पर कोर्ट ने अमित शाह को बतौर गवाह बयान देने के लिए हाजिर होने के लिए कहा था।

नरोदा गाम दंगे के दौरान 11 मुस्लिमों की हत्या हुई थी, जिसमें कोडनानी को मुख्य आरोपी बनाया गया था। केस में कोर्ट पहले ही कोडनानी को आजीवन कारावास की सज़ा सुना चुका है, हालांकि कोडनानी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत पर रिहा हैं।

इससे पहले की सुनवाई में विशेष एसआईटी अदालत ने पूर्व बीजेपी मंत्री माया कोडनानी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पता ढूंढने के लिए और चार दिन दिए थे, क्योंकि वह नरोदा गाम नरंसहार मामले में अपने बचाव में उन्हें अदालत में पेश करवाना चाहती हैं। कोडनानी ने अदालत से कहा था कि वह उनका पता नहीं ढूंढ पाई, जिस पर अदालत का समन पहुंचाया जा सके।

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