राजनीति

कश्मीर पहुंचकर राजनाथ सिंह ने, राज्यपाल और सीएम से की मुलाकात

New Delhi: प्रधानमंत्री के गले लगाकर कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान खोजने की अपील के बाद पहली बार गृहमंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कश्मीर पहुंचे। दौरे से पहले ही गृहमंत्री ने साफ कर दिया था कि वे खुले दिमाग से कश्मीर जा रहे हैं और हर किसी से मिलने के लिए तैयार हैं। कश्मीर के बदले हुए हालात और समस्या के समाधान के लिए PM की नई अपील के मद्देनजर राजनाथ सिंह के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। इसे कश्मीर में स्थायी शांति के लिए रणनीति के दूसरे चरण की शुरूआत के रूप में भी देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान वे घाटी में बदले हुए सुरक्षा के हालात का जायजा लिया। 

New Delhi: प्रधानमंत्री के गले लगाकर कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान खोजने की अपील के बाद पहली बार गृहमंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कश्मीर पहुंचे। दौरे से पहले ही गृहमंत्री ने साफ कर दिया था कि वे खुले दिमाग से कश्मीर जा रहे हैं और हर किसी से मिलने के लिए तैयार हैं। कश्मीर के बदले हुए हालात और समस्या के समाधान के लिए PM की नई अपील के मद्देनजर राजनाथ सिंह के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। इसे कश्मीर में स्थायी शांति के लिए रणनीति के दूसरे चरण की शुरूआत के रूप में भी देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान वे घाटी में बदले हुए सुरक्षा के हालात का जायजा लिया।     गृह मंत्री ने श्रीनगर में पीएमडीपी योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। बता दें कि पीएमडीपी के अंतर्गत 63 अन्य परियजनाएं शामिल हैं, जिसकी कुल लागत 80,068 करोड़ है। केंद्र इससे पहले ही कश्मीर के लिए 62599 करोड़ रुपए जारी कर चुका है जो पीएमडीपी परियोजना के कुल लागत का 78 फीसदी है। पीएमडीपी परियोजना के अंतर्गत बाढ़ में पूर्ण रुप से और आंशिक रुप से बर्बाद हो चुके आवासों के राहत का काम देखा जाएगा। यह परियोजना 1200 करोड़ की है जो अब पूरी हो चुकी है। पीएमडीपी के अंतर्गत जम्मू के प्रवासियों का राहत पैकेज भी शामिल हैं।    गृहमंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और राज्यपाल एनएन वोहरा से भी मुलाकात की। यही नहीं, विभिन्न केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल के जवानों के साथ-साथ विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ भी मुलाकात करेंगे। पिछले एक साल के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राज्य पुलिस के जवानों की केंद्रीय भूमिका रही है। सुरक्षा तैयारियों व विकास योजनाओं की समीक्षा के अलावा राजनाथ सिंह की कोशिश नई परिस्थितियों में राज्य के आम आदमी की भावनाओं को समझने की होगी। इसके लिए वे 50 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात करेंगे। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजनाथ सिंह से मुलाकात के लिए विभिन्न क्षेत्रों, वर्गो व समूहों के प्रतिनिधिमंडल का बड़ी संख्या में अनुरोध मिला है।     राज्य के युवाओं के साथ सीधा संवाद कायम करने के लिए वे श्रीनगर में छात्रों से भी मुलाकात करेंगे। हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान पिछले साल सितंबर में राजनाथ सिंह ने कश्मीर का दौरा किया था। उस समय लगभग 30 प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडलों की लगभग दोगुनी संख्या घाटी में बदले हालात का संकेत है।    यात्रा के पहले ही राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि वे किसी तरह का पूर्वाग्रह लेकर कश्मीर नहीं जा रहे हैं। बल्कि खुले मन से जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहेगा, वे मिलने के लिए तैयार है। लेकिन आतंकी फंडिंग की जांच में बुरी तरह फंस रहे हुर्रियत नेता इस बार भी बातचीत के लिए आगे आने को तैयार नहीं है। इसके बजाय वे राजनाथ सिंह के दौरे के विरोध में घाटी में बंद का ऐलान करने की तैयारी में हैं।गृह मंत्री ने श्रीनगर में पीएमडीपी योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। बता दें कि पीएमडीपी के अंतर्गत 63 अन्य परियजनाएं शामिल हैं, जिसकी कुल लागत 80,068 करोड़ है। केंद्र इससे पहले ही कश्मीर के लिए 62599 करोड़ रुपए जारी कर चुका है जो पीएमडीपी परियोजना के कुल लागत का 78 फीसदी है। पीएमडीपी परियोजना के अंतर्गत बाढ़ में पूर्ण रुप से और आंशिक रुप से बर्बाद हो चुके आवासों के राहत का काम देखा जाएगा। यह परियोजना 1200 करोड़ की है जो अब पूरी हो चुकी है। पीएमडीपी के अंतर्गत जम्मू के प्रवासियों का राहत पैकेज भी शामिल हैं।

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गृहमंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और राज्यपाल एनएन वोहरा से भी मुलाकात की। यही नहीं, विभिन्न केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल के जवानों के साथ-साथ विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ भी मुलाकात करेंगे। पिछले एक साल के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राज्य पुलिस के जवानों की केंद्रीय भूमिका रही है। सुरक्षा तैयारियों व विकास योजनाओं की समीक्षा के अलावा राजनाथ सिंह की कोशिश नई परिस्थितियों में राज्य के आम आदमी की भावनाओं को समझने की होगी। इसके लिए वे 50 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात करेंगे। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजनाथ सिंह से मुलाकात के लिए विभिन्न क्षेत्रों, वर्गो व समूहों के प्रतिनिधिमंडल का बड़ी संख्या में अनुरोध मिला है।

राज्य के युवाओं के साथ सीधा संवाद कायम करने के लिए वे श्रीनगर में छात्रों से भी मुलाकात करेंगे। हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान पिछले साल सितंबर में राजनाथ सिंह ने कश्मीर का दौरा किया था। उस समय लगभग 30 प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडलों की लगभग दोगुनी संख्या घाटी में बदले हालात का संकेत है।

यात्रा के पहले ही राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि वे किसी तरह का पूर्वाग्रह लेकर कश्मीर नहीं जा रहे हैं। बल्कि खुले मन से जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहेगा, वे मिलने के लिए तैयार है। लेकिन आतंकी फंडिंग की जांच में बुरी तरह फंस रहे हुर्रियत नेता इस बार भी बातचीत के लिए आगे आने को तैयार नहीं है। इसके बजाय वे राजनाथ सिंह के दौरे के विरोध में घाटी में बंद का ऐलान करने की तैयारी में हैं।

 

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