प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि इस बारे में बाद में विचार किया जाएगा कि फर्जी मुठभेड़ों के संबंध में न्यायमूर्ति बेदी की अंतिम रिपोर्ट स्वीकार की जाये या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट दिवंगत पत्रकार बीजी वर्गीज और संगीतकार जावेद अख्तर की साल 2007 में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में 2002 से 2006 के दौरान हुई 24 मुठभेड़ों की सच्चाई सामने लाने को किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया था। मालूम हो कि वर्गीज का 30 दिसंबर, 2014 को निधन हो गया।
गुजरात सरकार की दलील को कोर्ट ने कर दिया खारिज
पीठ ने गुजरात सरकार और अख्तर तथा वर्गीज के वकीलों को न्यायमूर्ति बेदी की रिपोर्ट पर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने पूर्व न्यायमूर्ति बेदी से जानना चाहा था कि क्या उन्होंने समिति के अन्य सदस्यों के साथ अपनी अंतिम रिपोर्ट साझा की थी।
कोर्ट ने कथित फर्जी मुठभेड़ की इन घटनाओं की जांच की निगरानी के लिये न्यायमूर्ति बेदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। निगरानी समिति ने पिछले साल फरवरी में सीलबंद लिफाफे में अपनी अंतिम रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी थी।