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डीजीपी की नियुक्ति को लेकर राज्यों की याचिका खारिज

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर कोर्ट के आदेश में बदलाव करने की कुछ राज्यों की मांग खारिज कर दी है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, बिहार और हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि डीजीपी की नियुक्ति राज्य की आंतरिक कमेटी के जरिए करने की अनुमति दी जाए। इन राज्य सरकारों ने कहा था कि पुलिस राज्य का विषय है और डीजीपी की नियुक्ति में संघ लोक सेवा आयोग की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। ये राज्य सुप्रीम कोर्ट से उस आदेश में बदलाव की मांग कर रहे थे जिसमें डीजीपी की नियुक्ति से पहले संघ लोक सेवा आयोग से योग्य अधिकारियों की लिस्ट लेने की शर्त रखी गयी है। सितंबर 2018 में केंद्र सरकार ने पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कार्यकाल तीन महीने बढ़ा दिया था।

वे 30 सितंबर को रिटायर होनेवाले थे। केंद्र सरकार ने हरियाणा के डीजीपी बीएस संधु का कार्यकाल भी सितंबर महीने में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था। 12 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को 31 जनवरी तक पद पर रहने की इजाजत दे दी थी। दोनों का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा था। दोनों राज्य सरकारों ने इसकी मांग की थी। 3 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डीजीपी का पद रिक्त होने से तीन माह पहले राज्य सरकारें संघ लोक सेवा आयोग को वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों की सूची भेजेंगी। राज्य सरकारें उसी अफसर को डीजीपी बनाएंगी जिनका कार्यकाल दो साल से ज्यादा का होगा। कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हमारे फैसले का राज्य सरकारें दुरुपयोग कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में कहा था कि डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होगा।

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