ज्ञान भंडार

महादेव की स्तुति हर श्राप से मिलेगी मुक्ति,नहीं भोगना पड़ेगा अभिशाप

नई दिल्ली : स्वर्ग और नर्क का निर्धारण व्यक्ति के कर्म के आधार से तय होता है. कर्म ही इंसान के भविष्य का निर्माण करता है. बुरे कर्मों का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है और इसकी सजा भी भोगनी पड़ती है. लेकिन बहुत बार जाने-अनजाने में भी ऐसे कार्य हो जाते हैं, जिसका श्राप इंसान को लगता है. श्राप से ना सिर्फ इंसान बल्कि भगवान स्वयं भी नहीं बच पाते.

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, श्राप कई तरह के होते हैं. कुछ श्राप एक निश्चित अवधि तक भोगने पड़ते हैं तो कुछ को कई जन्मों तक भोगना पड़ता है. ऐसे में महादेव की स्तुति कर किसी भी श्राप से मुक्त हुआ जा सकता है. शिवजी की पूजा से दुखों का निवारण भी होता है.

ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली के जरिये किसी भी जातक को लगा श्राप का पता लगाया जा सकता है. अगर किसी जातक की कुंडली में राहु की स्थिति खराब हो, सूर्य व शनि का संबंध हो, शनि के साथ राहु का संबंध हो तो श्राप की स्थिति होती है. इसी तरह अगर हाथ में बीचोंबीच तिल हो तो भी श्राप भोगना पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्राप मुक्ति के लिए हर रोज सुबह ‘ऊँ गंगाधराय नमः’ मंत्र का जाप करें. सूर्योदय के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ‘ऊँ नमो भगवते रुद्राय’ का जाप करें. सोमवार का व्रत रखें. किसी भी ज्योतिर्लिंग के स्थान पर एक महीने तक पूजा करें.

शिवजी को बेल पत्र व जल अर्पित करें. ‘शिव अपराध क्षमा स्तोत्र’ का पाठ करें. इसके अलावा रुद्राष्टक का पाठ करें. सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करें. जीवन में वृक्षारोपण का संकल्प लें और रोज पौधों में पानी डालें.

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