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भारतीय ड्रोन ‘तपस’ ने फिर भरी उड़ान, ट्राई सर्विसेज टीम के सामने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली : स्वदेशी तकनीक से बने भारतीय ड्रोन ‘तपस यूएवी’ ने मंगलवार को एक बार फिर हवा में उड़ान भरी। तपस यूएवी की यह 200वीं उड़ान रही। मंगलवार 27 जून को तपस यूएवी चित्रदुर्ग में पहली बार ट्राई सर्विसेज टीम के सामने प्रदर्शित किया गया। ट्राई सर्विसेज टीम ने यूएवी के विकास के लिए स्वदेशी प्रयासों की सराहना की। डीआरडीओ के मुताबिक तपस यूएवी अब उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है।

भारतीय ड्रोन ‘तपस’ ने फिर भरी उड़ान, ट्राई सर्विसेज टीम के सामने किया प्रदर्शन नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। स्वदेशी तकनीक से बने भारतीय ड्रोन ‘तपस यूएवी’ ने मंगलवार को एक बार फिर हवा में उड़ान भरी। तपस यूएवी की यह 200वीं उड़ान रही। मंगलवार 27 जून को तपस यूएवी चित्रदुर्ग में पहली बार ट्राई सर्विसेज टीम के सामने प्रदर्शित किया गया। ट्राई सर्विसेज टीम ने यूएवी के विकास के लिए स्वदेशी प्रयासों की सराहना की। डीआरडीओ के मुताबिक तपस यूएवी अब उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है इससे पहले इसी महीने 18 जून को तपस यूएवी ने भारतीय नौसैनिक अड्डे से उड़ान भरने के बाद सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित वापसी की थी।

तपस यूएवी की कमांड एंड कंट्रोल ट्रांसफर ग्राउंड स्टेशन से युद्धपोत तक समुद्र में सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। तपस का निर्माण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ने किया है। इस वर्ष बेंगलुरु में हुए एयरो इंडिया शो के दौरान भी इस ड्रोन का प्रदर्शन किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस ड्रोन की प्रशंसा की थी। तपस यूएवी का यह प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है जब रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 31 हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस प्रीडेटर ड्रोन की खरीद को स्वीकृति दे दी है। 18 जून को 07.35 बजे एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर), चित्रदुर्ग से उड़ान भरी, जो कारवार नौसैनिक अड्डे से 285 किमी दूर है।

भारतीय तकनीक पर आधारित इस यूएवी को नियंत्रित करने के लिए आईएनएस सुभद्रा में एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) और दो शिप डेटा टर्मिनल (एसडीटी) स्थापित किए गए थे। परीक्षण के बाद तपस सटीकता के साथ एटीआर में वापस उतरा। बेहतरीन भारतीय टेक्नोलॉजी पर आधारित तपस, मेल श्रेणी का ड्रोन है। भारत ड्रोन विकसित कर रहा है, इसका एक बड़ा उद्देश्य यह है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में विरोधी को पछाड़ने के लिए भारत घरेलू स्तर पर बनाए गए ड्रोन चाहता है। इस वर्ष के एयरो इंडिया शो के दौरान तापस ड्रोन का प्रदर्शन किया गया था।

तपस का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस है। तपस ड्रोन केवल सीमाओं पर निगरानी रखने ही नहीं, बल्कि दुश्मनों पर हमला करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। तपस ड्रोन की खूबियों की बात करें, तो यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है। तपस एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस ड्रोन है। तपस अपने आप ही टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है।

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