घर के आसपास नहीं होने चाहिए यह वृक्ष, इनके होने से होता है धन व संतति का नाश
नई दिल्ली : प्रकृति और मानव जीवन में वृक्षों का अपना एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। वृक्षों के होने से वातावरण की शुद्धता बरकरार रहती है। भारतीय संस्कृति में भी वृक्षों का अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। अंततोगत्वा भूमि पर उत्पन्न होने वाले वृक्षों के आधार पर भूमि का चयन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे वृक्षों और पौधों का जिक्र है जिनको घर के अंदर या समीप लगाना शुभ नहीं माना जाता है। आइये जानते हैं किन-किन पौधों या वृक्षों को अपने घर के समीप या घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए।
आजकल घरों में व घरों के आस-पास कई तरह के पेड़-पौधे लगे होते हैं और लेकिन बहुत से लोगों को इस बात का पता नहीं होता कि घर में या घर के आसपास लगे ये पेड़ किस तरह की हानि पहुंचा सकता है। दरअसल घर के पास आम का पेड़ होना आपके बच्चों पर बुरा असर डालता है। ऐसे पेड़ शौक से तो कभी न लगाएं और यदि पहले से मौजूद हो तो आप यह कर सकते हैं कि इस पेड़ के पास ऐसे पेड़ लगाएं जो शुभ माने जाते हैं। जैसे- नारियल, नीम, अशोक आदि का पेड़ आप लगा सकते हैं।
कहा जाता है कि फल वाले वृक्ष घर के समीप होने से संतति का नाश होता है। इनकी लकड़ी को भी घर में लगाना अशुभ माना गया है। कांटेदार वृक्ष घर के समीप नहीं होने चाहिए, इनसे शुत्र भय होता है। इन वृक्षों की जगह पर पुन्नाग, अशोक व शमी के पौधे रौपें जाए तो उपर्युक्त दोष नहीं लगता है। नीम, बहेडा, कांटेदार वृक्ष, पीपल, अगस्त, इमली, आम, इन सभी को घर समीप निंदित माना गया है।
जिस जमीन पर पलाश, अमरूद, आंवला, अनार, पपीता आदि के वृक्ष हों वह भूमि वास्तुशास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है। भवन निर्माण के पहले यह भी देख लेना चाहिए कि भूमि पर वृक्ष, लता, पौधे, झाडी, घास, कांटेदार वृक्ष आदि नहीं हों। जिन वृक्षों पर फूल, लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं वास्तुशास्त्र में उस भूमि को भी उत्तम बताया गया है। वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि जिस भूमि पर त़लसी का पौधा लगा हों वहां भवन निर्माण करना उत्तम रहता है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है। शास्त्रों में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है। वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि जिस स्थान पर सीताफल का वृक्ष लगा हो उस स्थान और उसके आसपास भी मकान नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है। इसके साथ ही भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पडे।
इसी के साथ वास्तुशास्त्र में एक और दोष का जिक्र है जिसमें कहा जाता है कि कांटेदार वृक्ष घर के समीप नहीं होना चाहिए। दूध वाला वृक्ष घर के समीप होने से धन का नाश होता है। जिन घरों के आसपास या घर में यह वृक्ष होता है वहां पर लक्ष्मी का वास नहीं होता है।