शादीशुदा जोड़ो के लिए है खास सावन का दूसरा प्रदोष व्रत, जाने मुहूर्त और महत्व
नई दिल्ली : साल सावन में शिव के प्रिय प्रदोष व्रत 4 पड़ेंगे. वैसे तो हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है लेकिन सावन में आने वाले प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
सावन का दूसरा प्रदोष व्रत अधिकमास के शुक्ल पक्ष का होगा. मान्यता है इस दिन शिव पूजा करने वालों के रोग, दोष, दुख समाप्त हो जाते हैं. आइए जानते हैं सावन अधिकमास के प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
अभी अधिकमास चल रहा है, ऐसे में अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई 2023 सावन का दूसरा प्रदोष व्रत को रखा जाएगा. रविवार होने से ये रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा.
सावन रवि प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई 2023 को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि की समाप्ति 31 जुलाई 2023 सोमवार को सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर होगी
रवि प्रदोष व्रत महत्व
रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत और पूजा से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। रविवार को शिव-शक्ति पूजा करने से दाम्पत्य सुख भी बढ़ता है. सावन में प्रदोष व्रत की पूजा करने से धन के भंडार भर जाते हैं. अपने नाम स्वरूप प्रदोष व्रत समस्त प्रकार के दोषों का शमन करता है.
रवि प्रदोष व्रत के दिन शमी पत्र को साफ पानी से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें. मान्यता है इससे शत्रु कभी परेशान नहीं करेगा. इसके साथ ही अपने दांपत्य जीवन में मिठास घोलने के लिए प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को दही में शहद मिलाकर, उसका भोग लगाएं.