अमेरिका ने 2025 में अब तक 1,703 भारतीयों को किया डिपोर्ट, सबसे ज़्यादा पंजाब और हरियाणा से

नई दिल्ली: अमेरिका ने साल 2025 के पहले 7 महीनों में कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को देश से डिपोर्ट किया है, जिनमें 141 महिलाएं भी शामिल हैं। यह जानकारी शुक्रवार को विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान दी।
सिंह ने बताया कि 2020 से 2024 के बीच 5,541 भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया, जबकि साल 2025 में 22 जुलाई तक यह आंकड़ा 1,703 तक पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि डिपोर्ट किए गए नागरिकों में सबसे ज्यादा 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं थीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, डिपोर्ट किए गए भारतीयों में सबसे ज्यादा 620 लोग पंजाब से, 604 लोग हरियाणा, 245 लोग गुजरात और 10 लोग जम्मू-कश्मीर से थे। जबकि 6 लोगों के राज्य की पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई है।
सरकार ने डिपोर्टेशन के लिए अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों की जानकारी भी साझा की, फरवरी में 333 भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमानों से भेजा गया। मार्च में 231 लोग ICE (यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) के चार्टर्ड विमानों से लौटे। जुलाई में 300 नागरिकों को DHS (डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी) के विमान से डिपोर्ट किया गया।
इसके अतिरिक्त पानामा से 72 भारतीय व्यावसायिक उड़ानों से लौटे और 767 अन्य नागरिकों को अमेरिका से व्यक्तिगत या छोटे समूहों में कमर्शियल फ्लाइट्स से भारत भेजा गया। कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि 2020 से 2024 तक ब्रिटेन से 311 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जबकि 2025 में अब तक 131 लोगों को वापस भेजा गया है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रिटेन से जुड़े आंकड़ों में कुछ भिन्नता संभव है, क्योंकि कई बार वैध दस्तावेज वाले लोगों को भी तुरंत डिपोर्ट कर दिया जाता है।
DMK सांसद कनिमोझी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे नागरिकों के मानवाधिकारों और गरिमा को लेकर लगातार संवाद में है। मंत्री ने कहा कि भारत ने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के साथ बेड़ियों (shackles) के इस्तेमाल, धार्मिक प्रतीकों जैसे पगड़ी, और खानपान की प्राथमिकताओं को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के सामने अपनी चिंता दर्ज कराई है। सरकार ने स्पष्ट किया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से अब तक किसी भी डिपोर्टी द्वारा दुर्व्यवहार की कोई औपचारिक शिकायत मंत्रालय को प्राप्त नहीं हुई है।