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बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे आतंकवादी

downloadलखनऊ । इंडियन मुजाहिदीन व दूसरे आतंकवादी संगठनों की योजना है कि अगले कुछ दिनों में प्रशिक्षित आतंकवादियों को भारत में प्रवेश करा कर हमले किए जाएं। यह खुलासा उन दो आतंकवादियों ने की है जिन्हें नेपाल से भारत में प्रवेश करने के बाद गुरुवार को उप्र एटीएस ने गिरफ्तार किया है। गोरखपुर से एटीएस ने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के शिविरों में प्रशिक्षित पाकिस्तान के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के पास से एके 47 भी मिली है। इनकी योजना किसी शांत जगह पर निहत्थे सुरक्षाकर्मियों पर हमले के साथ नरेंद्र मोदी की रैलियों को निशाना बनाना था।

पकड़े गए आतंकवादियों का नाम अब्दुल वलीद उर्फ मुर्तजा उर्फ अफरोज पुत्र मजीद तथा फहीम उर्फ मोहम्मद ओवैस उर्फ सलाम उर्फ उमर  उर्फ शादाब खान पुत्र अब्दुल सत्तार है। दोनों कराची (पाकिस्तान) के रहने वाले हैं। इनके पास से भारतीय पहचान पत्र भी मिला है। उप्र एटीएस का कहना है कि इंटरनेट पर यू-ट्यूब पर भविष्य में भारत पर हमला करने की चेतावनी वाले दो वीडियो लोड किए गए थे। लायंस आफ इंडिया व कंधार से दिल्ली की तरफ नामक वीडियों के अपलोड होने से सुरक्षा एजेंसिया सर्तक हुई थी। पूछताछ में पता चला है कि उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी के अलावा मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा नेता संगीत सोम  सुरेश राणा आदि लोग भी थे। उप्र एटीएस के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर गोरखपुर के साथ वाराणसी भी था। एटीएस का कहना है कि पकड़े गए दोनों संदिग्ध नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश में घुसे थे और पिछले एक हफ्ते से उप्र के रक्सौल में रह रहे थे। इन दोनों के कब्जे से एके 47 व 7० कारतूस  दो चीनी पिस्टल  भारतीय व नेपाली सिम कार्ड मिले हैं।  इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी वकास और तहसीन अख्तर से इन दोनों आतंकवादियों की मुलाकात पाकिस्तान के कराची में हुई थी। दोनों करांची से मस्कट होते हुए काठमांडू पहुंचे  फिर भारत में दाखिल हुए। पिछले दो दशकों में सोनौली बॉर्डर से लगभग 3० आतंकी और सौ से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यही नहीं भारत में प्रवेश के लिए उत्तराखंड  बिहार और नार्थ-ईस्ट की सीमा भी पकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों के लिए मुफीद रास्ता बन चुका है।

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