उत्तराखंड

‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ को सफलता, अप्रैल में साकार होगी मानसखंड परियोजना

दस्तक ब्यूरो, देहरादून। बीते महीने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ मॉडल पेश किया था, उसे अब सफलता मिलनी शुरू हो गई है। उद्योग व सेवा क्षेत्र में निवेश में सफलता के बाद अब धामी सरकार उत्तराखंड के अनेक तीर्थ स्थलों को देश में पहचान दिलाने जा रही है। इसकी शुरुआत आगामी अप्रैल महीने में सीएम पुष्कर सिंह धामी की महत्वाकांक्षी मानसखंड परियोजना से शुरू होगी। कोलकाता से शुरू होने वाली मानसखंड एक्सप्रेस देशभर के तीर्थ यात्रियों को कुमाऊं के पौराणिक तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएगी। इसी के साथ कुमाऊं के तीर्थ स्थलों को भी चारधाम के रूप में स्थापित करने का सीएम धामी का संकल्प भी पूरा हो सकेगा

दरअसल, धामी सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भारतीय रेलवे व इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लि. (आईआरसीटीसी) के साथ एक एमओयू किया है, जिसमें आइआरसीटीसी तीर्थ यात्राओं के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगा। ये ट्रेनें कई राज्यों से चलाई जाएंगी, जो उत्तराखंड के अनेक तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार, ट्रेनें देशभर से तीर्थ यात्रियों को लेकर उत्तराखंड पहुंचेंगी, जिसके बाद तीर्थ यात्रियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।

  इसकी शुरुआत अप्रैल महीने से शुरू होगी, जिसमें पश्चिम बंगाल के कोलकाता से उत्तराखंड के लिए मानसखंड एक्सप्रेस सेवा शुरू होगी। ये ट्रेन काठगोदाम तक चलेगी, इसके बाद परिवहन निगम की बसें तीर्थ यात्रियों को आदि कैलाश, ओम पर्वत, गोल्ज्यू देवता (अल्मोड़ा) समेत कुमाऊं के अनेक तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएंगी। इसके बाद तमिलनाडु व अन्य राज्यों से भी ट्रेनें शुरू कराई जाएंगी। तीर्थ यात्रियों को पूरी यात्रा का पैकेज लेना होगा, जिसमें ट्रेन से लेकर बस, होटल व खाने की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। धामी सरकार इस योजना को लेकर खासा उत्साहित है, क्योंकि सीएम धामी का प्रारंभ से ही प्रयास रहा है कि उत्तराखंड में कुमाऊं व गढ़वाल के पौराणिक महत्त्व वाले अनेक तीर्थ स्थलों को भी तीर्थाटन के रूप में विकसित करें और इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जा सके।

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