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कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी शर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा; कैप्टन हो हटाने से थे नाराज

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों के बीच में ही कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने मंगलवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी जमीनी हकीकत से दूर जा चुकी है और वह अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि वह पार्टी के भीतर धैर्य रखने की पराकाष्ठा तक पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रेरक नेतृत्व का आभाव है और वह अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है।

कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस अपने पतन ओर बढ़ रही है, लेकिन वह आत्मावलोकन करने के लिए तैयार नहीं है। इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने और गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर दुख जताते हुए कुमार ने कहा कि यह घटनाक्रम तुच्छ रवैये को प्रदर्शित करता है, जिसकी कांग्रेस से उम्मीद नहीं की जाती।

यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले उनके कांग्रेस छोड़ने का कोई विशेष कारण है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में राजनीतिक विमर्श कभी इतने निचले स्तर का नहीं था। मुख्यमंत्री पद को लेकर सरेआम लड़ाई कांग्रेस के लिए खराब स्थिति रही और इस घटनाक्रम ने हम सभी को तुच्छ साबित किया। ऐसा लगा कि कुछ लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोग अप्रासंगिक हैं या सम्मान के हकदार नहीं है।”

उन्होंने दावा किया, ‘‘अमरिंदर सिंह को अपमानित किया गया और इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, जो अशुभ संकेत था। वह इससे कहीं बेहतर के हकदार थे। पंजाब की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि एक प्रगतिशील और परस्पर सहमति वाली राजनीति हो तथा तुच्छ व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों को खत्म किया जाए।”

भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने अभी किसी पार्टी में शामिल होने के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन मेरा इरादा यह जरूर है कि जनता और देश के लिए काम करने में सक्रिय बना रहूं। भविष्य के आगोश में क्या है, इस बारे में अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता।”

पंजाब विधानसभा चुनाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के चुनाव परिणाम बहुत सारे लोगों को चौंकाएंगे। मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में बहुत आसानी से अगली सरकार बना लेगी और भगवंत मान राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब सनसनीखेज राजनीतिक बदलाव के लिए तैयार है।” कुमार ने यह भी कहा कि उनका कांग्रेस के ‘जी 23′ समूह से कोई लेनादेना नहीं है।यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि भाजपा का मुकाबला करने से डरने वाले लोग कांग्रेस छोड़ रहे हैं, इसपर कुमार ने कहा, ‘‘पार्टी छोड़ने को मजबूर नेताओं में कमी निकालने से बेहतर यह होगा कि पार्टी नेतृत्व अपना आत्मावलोकन करे।”

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है। पार्टी जमीनी हकीकत से दूर हो चुकी है और अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती।” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘क्षेत्रीय पार्टियों ने लोगों खासकर युवाओं की नब्ज को पकड़ा है। कांग्रेस अब वस्तुत: तीन राज्यों की पार्टी रह गई है। क्षेत्रीय पार्टियां भविष्य में साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर एकजुट हो सकती हैं, लेकिन इनमें से कोई अकेले भाजपा की राजनीतिक स्थिति को चुनौती नहीं दे सकती।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपनी चिंताओं से कांग्रेस अध्यध्क्ष सोनिया गांधी को अवगत कराया था, कुमार ने कहा, ‘‘हां, लेकिन धैर्य की सीमा होती है। चुप सी हो गई दिल की धड़कने, सो गई कहीं सारी आहटें, यहां सिर्फ खामोशी, अब सदाएं दे क्या किसी को हम, वक्त ने किया क्या हसीं सितम।”

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