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कोरोना का XBB1.16 वैरिएंट बेहद खतरनाक, बच्चों में तेजी से फैल रहा वायरस; विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

नई दिल्ली: देश में कोरोना एकबार फिर तेजी से फैलना शुरु हो गया है। इस बार कोरोना ओमिक्रोन का नया वेरिएंट XBB1.16 के रूप में सामने आया है। इस वेरिएंट का पहला मामला इस साल जनवरी में मिला था। हालांकि, इस बात को लेकर आईसीएमआर की एक स्टडी में सामने आया है कि XBB1.16 अधिक गंभीर नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ऐसे में कोरोना से होनेवाली मौतों की संख्या भी कम है। हालांकि, इस वेरिएंट का असर बच्चों पर बहुत ज़्यादा पड़ रहा है। देश के अलग-अलग इलाकों से 15 साल से कम उम्र के बच्चों के संक्रमित होने की खबरें सामने आ रही हैं।

नए वेरिएंट को लेकर एक्सपर्ट और डॉक्टरों का कहना है कि किसी बच्चे को अगर 2 या 3 दिन से बुखार है। तो इसे कॉमन फ्लू समझने की गलती न करें। यह कोरोना का नया वेरिएंट भी हो सकता है। पेट मे दर्द या सांस लेने की तकलीफ हो रही है तो बच्चे का तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं। साथ ही काढ़ा बनाकर पिएं। नए वेरिएंट के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर में दर्द, कोल्ड एंड कफ, पेट खराब होना, पेट दर्द, नाक बहना, थकान आदि शामिल है।

सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा- कोरोना का XBB1.16 वैरिएंट बच्चों और वयस्कों को बीमार बना सकता है। यह कोविड संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल ला सकता है। XBB1.16 वैरिएंट में इंसान के इम्यून सिस्टम को भेदने की क्षमता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम है। यह उन लोगों को भी संक्रमित कर रहा है जिन्हें पिछली लहरों के दौरान संक्रमण हुआ था। यह उन किशोरों और वयस्कों को भी बीमार बना रहा है जो कोविड रोधी वैक्सीन लगवा चुके हैं।

डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा- XBB1.16 वैरिएंट के फैलने की आशंका बनी हुई है। हालांकि, कोरोना की तुलना में एडेनो वायरस और इन्फ्लूएंजा जैसे संक्रमण ज्यादा चिंता पैदा करने वाले लगते हैं। ऐसे अगले अगले चार हफ्ते बेहद अहम होने वाले हैं। हम देख रहे हैं कि कोरोना का XBB1.16 वैरिएंट पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक और अधिक घातक है। बीते कुछ हफ्तों से हम देख रहे हैं कि देश में कोविड मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके लिए XBB1.16 वैरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। क्या बच्चों के लिए वाकई गंभीर खतरा है। इस बारे में मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके नाकरा ने कहा कि कोविड पॉजिटिव कुछ मामलों में आंखों (conjunctivitis, नेत्रश्लेष्मलाशोथ) में तकलीफ भी हो रही हैं। अब कोरोना के जो लक्षण मिल रहे हैं उनमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द, शरीर में दर्द के साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या (जठर संबंधी तकलीफ) देखी जा रही है।

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