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आसमान से बरसी मौत, वज्रपात ने दादा-पोता सहित 4 की ली जान

झारखंड में पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के बीच मंगलवार को आसमान से मौत बरसी। पलामू जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में वज्रपात से दादा-पोता सहित चार लोगों की मौत हो गई एक महिला घायल है, जिसे मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल कॉलेज में दाखिल कराया गया है।

पहली घटना नीलांबर-पीतांबर पुर (लेस्लीगंज) प्रखंड की हरतुआ पंचायत के अमवा गांव की है, जहां शाम करीब छह बजे एक दुकान से कुछ सामान खरीदने के बाद घर लौट रहे 65 वर्षीय कर्मदेव मांझी उनका 10 वर्षीय पोता राजन कुमार अचानक हुए वज्रपात की चपेट में आए। दोनों की मौके पर मौत हो गई। इस घटना से गांव में कोहराम मचा है।

दूसरी घटना थाना क्षेत्र के गांगी गांव की है, जहां मंगलवार शाम बारिश के बीच नदी पार कर घर लौट रहीं तीन महिलाएं श्रमिक वज्रपात की चपेट में आ गईं। इनमें से कुंती देवी राधा देवी की मौत हो गई, जबकि मनती देवी जख्मी हो गईं। वज्रपात के लिहाज से झारखंड अत्यंत संवेदनशील है। इस वर्ष जून से लेकर अब तक राज्य में वज्रपात से 40 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राज्य के अलग-अलग इलाकों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार दिनों में ही सात लोगों की जान वज्रपात से जा चुकी है। आज ही जामताड़ा थाना क्षेत्र के चाकड़ी गांव में हुए बज्रपात में एक बुजुर्ग बुरी तरह जख्मी हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सरकारी आंकड़े के अनुसार, झारखंड में पिछले नौ वर्षो में 1,568 लोगों की मौत आसमानी बिजली की चपेट में आने से हुई है। झारखंड सरकार ने राज्य में वज्रपात को प्राकृतिक आपदा घोषित कर रखा है।

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