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डायबिटीज मरीज इन संकेतो को भूलकर भी न करें अनदेखा, वरना बढ़ सकता है यह खतरा

नई दिल्‍ली : इंफेक्शन किसी भी तरह का हो शरीर के लिए अच्छा नहीं होता. ऐसे में आपने सेप्टीसीमिया का नाम जरूर सुना होगा जिसे सेप्सिस (sepsis) भी कहा जाता है. यह एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें लंग्स, लीवर या किडनी अचानक खराब होने लगती है. डायबिटीज के मरीजों को इस इंफेक्शन से बचने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. दरअसल डायबिटीज (Diabetes) से बॉडी का इम्युनिटी सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है. इसलिए डायबिटीज के मरीज़ों में सेप्टिसीमिया (Septicemia) को अटैक करने का मौका मिल जाता है. एक बार ये इंफेक्शन हो जाए तो इसका इलाज आसान नहीं रह जाता. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अगर यह सिम्टम्स नजर आते हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

डायबिटीज के मरीजों को कई तरह का परहेज करने की सलाह दी जाती है क्योंकि कोई भी बीमारी उनको बड़ी ही आसानी से घेर लेती है. ऐसे में सेप्टीसीमिया भी एक ऐसा इंफेक्शन है तो ज्यादातर डायबिटीज पेशेंट्स (diabetes patients) को ही अपना शिकार बनाता है. यह खास तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो बॉडी के किसी भी हिस्से में हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्लड शुगर के मरीजों (blood sugar patients) में यह इन्फेक्शन जानलेवा भी साबित हो सकता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स (health experts) के मुताबिक सेप्टीसीमिया का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों में है जिनकी इम्यूनिटी वीक होती है. दरअसल डायबिटीज के पेशेंट में इम्यूनिटी (immunity) का लेवल बहुत कम हो जाता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को इससे बचने के लिए खुद का खास ख्याल रखना चाहिए.

डायबिटीज ही नहीं बल्कि उसके अलावा अपेंडिक्स कैंसर, एचआईवी और निमोनिया के मरीजों को भी यह बीमारी आसानी से अपना शिकार बना सकती है. गर्भवती महिलाओं बुजुर्गों और बच्चों को खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए.

सेप्टीसीमिया एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें मरीजों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है और ये खून में बड़े पैमाने पर एक खास तरह का केमिकल रिलीज करता है. यह केमिकल बॉडी में सूजन बढ़ाने का काम करता है जिससे मल्टी ऑर्गन फैलियर का खतरा बढ़ जाता है. कई बार इसकी वजह से शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं जिससे हार्टअटैक की स्थिति भी पैदा हो जाती है.

सेप्टिसीमिया (Septicemia) हमारी बॉडी के किसी हिस्से में हो सकता है. इसलिए, उसके सिम्पटम्स कई मामलों में अलग-अलग दिखते हैं. इसका कोई भी सिम्प्टम दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जानें इसके लक्षण.

बुखार आना और ठंड लगना
यूरिन कम आना
दिल की धड़कन कम या ज़्यादा होना
मतली और उल्टी आना
दस्त लगना
थकान या कमजोरी महसूस होना
शरीर पर रैशेज़ हो जाना
स्किन का रंग हल्का होना
ज्यादा पसीना आना
स्किन में चिपचिपापन होना

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