नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स विधेयक 1 जुलाई से लागू तो हो गया मगर अभी भी पोर्टल पर कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। पोर्टल पर लॉगइन हेतु लोग अपना विवरण डालते हैं तो वह खुलता है मगर यह किसी का अकाउंट है। मगर कारोबारियों को अपना डाटा लीक होने से परेशानी होने लगती है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल लागू होने से पूर्व सरकार ने दावा किया था कि कोई भी किसी अन्य व्यक्ति के अकाउंट नहीं देख सकता है।
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उक्त डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है। मिली जानकारी के अनुसार सीबीईसी की मुंबई डिवीजन द्वारा सर्कुलर जारी कर दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि ऐसा उन्हीं मसलों में देखने को मिल रहा है जिसमें रजिस्ट्रेशन या एनरोलमेंट टैक्स प्रेक्टिशनर द्वारा किया गया है।
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इस मामले में सीबीईसी द्वारा कहा गया है कि कम्प्युटर पर अलग टैक्सपेयर कारोबारी हेतु विंडो को खोला जाता है। जिसके चलते ऐसा होता है। एप्लीकेशन फॉर्म जमा करते समय भरे जाने वाले आंकड़े कम्प्युटर की कैश मेमोरी में ही रह जाते हैं।
इस मामले में एक अन्य कारोबारी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी भी दी गई।