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हॉकी में हार से आहत है ये खिलाड़ी,कहा-विश्वकप में इतिहास दोहराने का स्वर्णिम मौका भारत ने गंवाया

कोलकाता । कोलकाता में आयोजित हुए हॉकी टूर्नामेंट में शामिल होने पहुंचे भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने रविवार को कहा कि भारत ने हाल में सम्पन्न हुए हॉकी विश्वकप में इतिहास दोहराने का स्वर्णिम मौका गवां दिया। साथ ही भारतीय हॉकी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उन्होंने विश्वस्तरीय ड्रैग फ्लिकर्स तैयार करने का सुझाव भी दिया है। कोलकाता में मीडिया को बात करते हुए दिलीप टिर्की ने कहा कि रुपिंदर पाल सिंह की अनुपस्थिति में भारत के पास हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरण कुमार के रूप में तीन ड्रैग फ्लिकर्स थे लेकिन उनका पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की दर केवल 30.7 प्रतिशत थी। टिर्की ने बेटन कप हॉकी टूर्नामेंट से इतर कहा, ”हमें विश्वस्तरीय ड्रैग फ्लिकर्स की जरूरत है। इसके लिए शानदार प्रशिक्षण सबसे जरूरी है।” भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरण हैं। हमें उन पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें महत्वपूर्ण मैचों में 60 से 70 प्रतिशत पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना होगा।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में सम्पन्न हुए हॉकी विश्वकप में भारत अपने पूल में शीर्ष पर रहा था लेकिन वह क्वॉर्टरफाइनल में नीदरलैंड्स से 1-2 से हार गया था। उनसे जब पूछा गया कि क्या वजह थी कि भारतीय टीम हार गई, इसके जवाब में टिर्की ने कहा कि युवा खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे युवा खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए। बाकी टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा था। टैकलिंग अच्छी थी। दुर्भाग्य से हम क्वार्टर फाइनल में उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। कुल मिलाकर यह अच्छा प्रदर्शन था। मुझे लगता है कि हमने विश्वकप जीतने का मौका खो दिया। ट्रिकी ने कहा कि संभावनाएं हमेशा बनी रहती है भविष्य में हमें अपनी टीम को मजबूत कर आगे बढ़ना होगा।

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