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‘आतंकवाद से निपटने के लिए इंटरपोल को मिलकर काम करना चाहिए’, जानें गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में और क्या कहा?

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंटरपोल को आतंकवाद विरोधी घटनाओं से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। 25 साल बाद भारत में आयोजित इंटरपोल की 90वीं महासभा के समापन समारोह में अमित शाह ने कहा कि इंटरपोल और इसके सभी सदस्य देशों को आतंकवाद पर एकजुट होकर एक्शन लेना चाहिए। संयुक्त कार्रवाई ही इसके लिए सबसे जरूरी है। शाह ने आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ भारत सरकार की पहले की मांग को दोहराया और कहा कि सभी देशों को लड़ाई में एक साथ आना चाहिए।

अमित शाह ने कहा, सीमा पार आतंकवाद से केवल सीमा पार सहयोग से ही लड़ा जा सकता है और इंटरपोल इसके लिए सबसे अच्छा मंच है।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है।

अमित शाह ने कहा, आतंकवाद और आतंकवादियों की एक समान परिभाषा के लिए सभी देशों को एक साथ आना चाहिए। सबसे पहले, सभी देशों को आतंकवाद और आतंकवादी की परिभाषा पर आम सहमति बनाने की आवश्यकता है। इसके बिना हम वैश्विक लड़ाई नहीं लड़ सकते। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘अच्छे आतंकवादी’ और ‘बुरे आतंकवादी’ या हमले की छोटी या बड़ी प्रकृति की कहानी साथ-साथ नहीं चल सकती है।

अमित शाह ने कहा कि ऑनलाइन कट्टरपंथ के जरिए आतंकवादी विचारधाराओं के खिलाफ सीमा पार सभी देशों की एक आम सहमति होनी चाहिए। हम इसे राजनीतिक समस्या नहीं मान सकते। हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ एक प्रभावी लड़ाई दीर्घकालिक, व्यापक और टिकाऊ होनी चाहिए। अमित शाह ने बताया कि कुछ देशों में इंटरपोल की नोडल एजेंसियां, जिन्हें राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) भी कहा जाता है और उनकी (सदस्य देशों) आतंकवाद विरोधी एजेंसियां​​अलग हैं।

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