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हमास लड़ाकों को मारकर भी लड़ाई हारेगा इजराइल.. जानें क्यों है ऐसी चर्चा?

नई दिल्ली (गौरव ममगाई): गाजा पट्टी पर इजराइल, हमास के खिलाफ जंग लड़ रहा है। रोजाना हवाई हमलों में हमास के लड़ाके मारे जा रहे हैंए लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि इजराइल के दुश्मनों के मारे जाने के बावजूद उसे विजेता के रूप में नहीं देखा जा रहा है, बल्कि उसकी निंदा हो रही है। जो इजराइल अपने आक्रामक रवैये के लिए प्रसिध्द हुआ करता था, वही आज अपने इस रूख के कारण क्यों आलोचना झेल रहा है। आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब…

इजराइल रोजाना गाजा पट्टी पर हमास के अड्डों पर बमबारी कर रहा है। हमास को खत्म करने के लिए इजराइल अस्पताल में हमास लड़ाकों के छिपे होने का अंदेशा होने पर पूरे अस्पताल को उड़ाने से भी गुरेज नहीं कर रहा है। इससे रोजाना निर्दोष फलिस्तिनी मारे जा रहे हैं। इजराइल किसी भी सूरत में युध्दविराम करने के मूड में नहीं है। उसके हमले में लगातार तेजी भी देखने को मिल रही है। यही कारण है कि अब इजराइल के खिलाफ विश्व में आवाजा तेजी से उठने लगी हैं।

कुछ दिन पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इजराइल के इस रवैये की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि निर्दोष फलिस्तिनियों को इस तरह मारा नहीं जा सकता है। ओबामा ने अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों द्वारा इजराइल का खुलकर समर्थन करने को भी अनुचित बताते हुए कहा था कि जिम्मेदार देशों को संतुलित पक्ष लेना चाहिए।एलन मस्क ने भी इजराइल-हमास युध्द में बेबाकी से अपनी राय रखी है। उन्होंने इस विवाद में इजराइल की खुलकर आलोचना करते हुए कहा कि भले ही इजराइल हमास को खत्म कर देए लेकिन वह यह जंग हार सकता है। मस्क ने कहा कि इजराइल हजारों निर्दोष फलिस्तिनियों को मार चुका है, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। इजराइल को यह समझना होगा कि जो बच्चे या नागरिक मारे जा रहे हैं, उनके परिवार के सदस्य इजराइल के खिलाफ हथियार उठाएंगे और वे हमास संगठन से जुड़ेंगे। इससे भविष्य में इजराइल को ही नुकसान होगा। अच्छा होता कि इजराइल ऐसे गैर.जिम्मेदाराना कदम उठाने के बजाय दरियादिली दिखाताए जिससे लोग इजराइल के प्रति प्रेम का भाव रखते और हमास संगठन से नफरत करते।

इजराइल की चौतरफा हो रही आलोचना को लेकर अब अमेरिका भी असहज महसूस करने लगा है। अभी तक इजराइल का खुलकर साथ दे रहे अमेरिका ने भी अब मानवता का पालन करने राग अलापना शुरू कर दिया है। नई दिल्ली में शुक्रवार को हुई टू-प्लस-टू वार्ता में अमेरिका व इंडिया के रक्षा व विदेश मंत्रियों ने संयुक्त रूप से गाजा पर मानव मूल्यों का पालन करने का आह्वान व हमास हमले की निंदा की। बता दे कि फिलिस्तीन, ईरान, सऊदी अरब, तुर्किये, रूस, पाकिस्तान समेत अनेक देश इजराइल की कार्रवाई का शुरू से विरोध कर रहे हैं।

जाहिर है कि अभी तक जो इजराइल अपने दुश्मनों को नेस्तनाबूत करने के लिए प्रसिध्द थाए वो आज अपने अड़ियल रवैये के कारण आलोचना झेल रहा है। यदि इजराइल निर्दोष फलिस्तिनियों पर दया नहीं करता है तो आने वाले दिनों में इजराइल की छवि पर मानवाधिकार उल्लंघन का दाग लग सकता है। जिससे भविष्य में अमेरिका व अन्य पश्चिम देशों के लिए भी इजराइल का खुलकर समर्थन करना मुश्किल हो सकता है।

क्या है मामलाः
दरअसल, 7 अक्टूबर को हमास संगठन द्वारा इजराइल पर ताबड़तोड़ 2500 से ज्यादा हवाई हमले किये गए। इसके बाद इजराइल ने हमास को जड़ से खत्म करने का एलान किया और गाजा पट्टी पर बमबारी शुरू की। इजराइल अस्पताल व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी बम बरसा रहा है, जिसमें रोजाना सैकड़ों फलिस्तिनी मारे जा रहे हैं।संयुक्त राष्ट्र व कई देशों के युध्दविराम के आग्रह को भी इजराइल ने न सिर्फ मानने से इनकार कर दिया, बल्कि वह उल्टा भड़क गया। इजराइल हमास को जड़ से खत्म करने को लेकर इतना उतारू है कि उसे मानवाधिकारों को कुचलने से भी गुरेज नहीं है।

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