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JEE (Main) 2016: रणनीति के तहत करें तैयारी, सभी विषयों पर दें ध्यान

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ phpThumb_generated_thumbnail (5)जेईई मेन 2016 की परीक्षा में तीन महीने शेष रह गए हैं। छात्रों के लिए जेईई की तैयारी के साथ 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कई बार निर्णयक साबित होती है। जेईई में सफल होने के लिए इस समय का इस्तेमाल रिवीजन और विभिन्न मॉक टेस्ट में हिस्सा लेने के रूप में किया जाना चाहिए, इससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है। 
 
प्रत्येक टेस्ट के बाद छात्रों को चाहिए कि वे अपने कमजोर पक्ष को जानें और इसमें सुधार लाने के लिए गहन विश्लेषण करें। इसके लिए छात्र विशेषज्ञों की मदद भी ले सकते हैं। अब तक अभ्यर्थियों का सिलेबस कंप्लीट हो जाना चाहिए। योजना के मुताबिक चलने से अभ्यर्थियों को सफलता पाने में मदद मिल सकती है।
 
तैयारी की मासिक योजना   
फरवरी: इसका इस्तेमाल रिवीजन के लिए किया जा सकता है। तैयारी में अलग-अलग विषयों के महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स की कमियों को दूर करने और कॉन्सेप्ट्स क्लियर करने के लिए इन विषयों से जुड़े विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए। टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखते हुए सभी विषयों का रिवीजन करें।
 
मार्च-अप्रेल: बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्रों को इस समय का इस्तेमाल जेईई (मेन) एवं जेईई (एडवांस्ड) को ध्यान में रखते हुए  मॉक टैस्ट देने में करना चाहिए। प्रत्येक पेपर में की गई गलतियों की पहचान करना जरूरी है और इस परीक्षा में छात्रों को इन गलतियों को दोहराने से बचने का प्रयास करना चाहिए। बोर्ड परीक्षाओं के बीच बचे समय का सदुपयोग विषय के हिसाब से कुशलता से करना चाहिए ताकि बोर्ड और जेईई, दोनों की जरूरतें पूरी हो सके।      
 
परीक्षा देने जा रहे छात्र जेईई की वर्तमान पद्धति के अनुसार मॉक टैस्ट में शामिल होने के साथ अलग-अलग टॉपिक्स की रिवीजन के लिए क्रैश कोर्स भी कर सकते हैं। उनके पास जेईई की मौजूदा पद्धति के हिसाब से कॉन्सेप्ट-वाइज या चैप्टर-वाइज मॉक टैस्ट में हिस्सा लेने की ठोस योजना होनी चाहिए। 
 
जरूरी टॉपिक्स
11वीं और 12वीं के सिलेबस से आईआईटी-जेईई के क्रमश: 45 प्रतिशत और 55 प्रतिशत सवाल पूछे जाते हैं। मैथ्स में अपने आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाने के लिए कठिन प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें। फिजिक्स में भी क्वालिटी सवालों को हल करना ही सफलता की कुंजी है। यदि आपका कॉन्सेप्ट क्लियर है तो यह विषय आपके लिए हमेशा दिलचस्प बना रहेगा। 
 
इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए मोटे तौर पर पीरियॉडिक टेबल को अच्छी तरह याद कर लें और एनसीईआरटी की पुस्तकों से भी तैयारी करें। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए पहले बेसिक कॉन्सेप्ट्स मजबूत करें फिर सवालों को हल करें। फिजिकल केमेस्ट्री के लिए जितना हो सके न्यूमेरिकल्स हल करने का अभ्यास करें।
 
सफलता के लिए तैयारी हो खास 
आईआईटी जेईई एग्जाम और गणित विशेषज्ञ रमेश बतलीश का कहना है, ‘प्रत्येक प्रवेश परीक्षा किसी खास लक्ष्य के साथ डिजाइन की गई होती है। परीक्षा पद्धति से अवगत होने के बाद सफलता हासिल करना आसान होता है। 
 
अवधारणात्मक प्रश्नों का सही जवाब देने में एनसीईआरटी की पुस्तकों के प्रश्नों को हल करना पर्याप्त नहीं होता है। इन पुस्तकों के प्रश्न बोर्ड परीक्षा पर केंद्रित होते हैं। जबकि प्रवेश परीक्षाओं में कई सारी अवधारणाओं को मिलाकर बने प्रश्नों के साथ वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं। ये  कठिन स्तर के होते हैं। 
 
जेईई के लिए जितना ज्यादा हो सके, मुख्य साधनों से अभ्यास करें। इससे  महत्त्वपूर्ण अवधारणाएं क्लियर करने में मदद मिलेगी। जेईई मेन्स के लिए कई छात्र यह समझते हैं कि यदि वे जेईई एडवांस्ड की तैयारी कर लेंगे तो यही तैयारी मेन्स के लिए पर्याप्त रहेगी। लेकिन यह धारणा सही नहीं है। 
 
इसके लिए छात्रों को सीबीएसई सिलेबस के अलावा दूसरे टॉपिक्स पर भी ध्यान देना होगा। यह अभ्यर्थियों की गति और कॉन्सेप्ट की समझ जांचने की परीक्षा होती है। इसमें ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पद्धति से उत्तर देने का उचित प्रशिक्षण पाना भी जरूरी है।

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