उत्तर प्रदेशराज्य

योगी के कैबिनेट विस्तार को मायावती ने बताया साजिश, किसानों को दिया ख़ास सन्देश

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष के शुरूआती महीनों में ही होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की सत्तारूढ़ योगी सरकार में बीते दिन हुए कैबिनेट विस्तार को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल, मायावती का कहना है कि यूपी के नए मंत्री जबतक अपने मंत्रालयों को समझेंगे तबतक आचार संहिता लागू हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने सिर्फ जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। अगर यह नए मंत्री अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे, तबतक आचार संहिता लागू हो जाएगी।

बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि उनके समाज के विकास एवं उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए। उनके हितों में बसपा की सरकार ने जो भी कार्य शुरू किए हैं, उन्हें भी अधिकांश बंद कर दिया गया है। इस दोहरे चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह है। किसानों पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार पूरे साढ़े 4 वर्षों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही है। गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया। जिस उपेक्षा की ओर 7 सितंबर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले गन्ना किसान याद आए हैं। जो भाजपा का स्वार्थ दर्शाता है।

मायावती ने आगे कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों के किसान विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज दुखी है। अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना, खेती किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं है। ऐसे में किसान इनके बहकातवे में आने वाला नहीं है।

आपको बता दें कि बीते रविवार को राजभवन में योगी सरकार की कैबिनेट का विस्तार हुआ। यूपीए सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद, पलटू राम समेत सात चेहरों ने मंत्री पद की शपथ ली है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह वर्तमान योगी सरकार का अंतिम कैबिनेट विस्तार माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के गुजरात से लखनऊ लौटने के बाद रविवार दोपहर को कैबिनेट विस्तार के बारे में जानकारी दी गई।

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