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सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को देश ने अंतिम विदाई दी

नई दिल्‍ली। देश ने अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को अंतिम विदाई दी। दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी जिसके बाद दोनों की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गईं।

दोनों का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर एक ही चिता पर रखे गए।अंत्येष्टि स्थल पर लोगों का हुजूम मौजूद था। लगभग 800 सैन्यकर्मियों के साथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी भारत के पहले सीडीएस के अंतिम संस्कार के समय उपस्थित थे।

जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्‍कार में पड़ोसी देशों से कुछ सैन्‍य कमांडर् भी शामिल हुए, इसमें श्रीलंका से चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ व श्रीलंका सेना के कमांडर शावेंद्र सिल्‍वा और पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ एडमिरल रविंद चंद्रासिरी विजेगरत्‍ने (रिटायर्ड), भूटान से रायल भूटान आर्मी के डिप्टी चीफ आपरेशंस कमांडर ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन, नेपाल से चीफ ऑफ जनरल स्‍टाफ (वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ के समकक्ष) लेफ्टिनेंट जनरल कृष्‍ण खार्की और बांग्‍लादेश से ऑर्म्‍ड फार्सेस डिवीजन के लेफ्टिनेंट जनरल वकार उज रहमान शामिल हैं।

श्रीलंका के एडमिरल रवींद्र, नेशनल डिफेंस कॉलेज में जनरल रावत के सहपाठी और करीब दोस्‍त रहे हैं। भारत में ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त एलेक्‍स एलिस और भारत में फ्रांस के उच्‍चायुक्‍त एमेनुएल लेनेन भी जनरल रावत के अंतिम संस्‍कार में शामिल हुए। लेनेन ने कहा, ‘ मैं जनरल रावत को श्रद्धांजलि देना चाहता था और निजी रूप से आना चाहता था क्‍योंकि हम उन्‍हें अपने देश के साथ सहयोग बढ़ाने वाले एक महान सैन्‍य लीडर और मित्र के रूप में याद करते हैं। ‘एलिस ने कहा, ‘उन्‍होंने (जनरल रावत) ने उस संयुक्‍त रक्षा दृष्टिकोण की शुरुआत की जिसका हम ब्रिटेन में पालन करते हैं। भारत ने एक महान सैन्‍य लीडर, सैनिक और बेहतरीन इंसान को खो दिया है। ‘

इससे पहले, शुक्रवार सुबह 11 बजे से जनरल रावत और उनकी पत्नी के शवों को उनके परिवार, दोस्तों और जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित घर पर रखा गया। बाद में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट लाया गया।इससे पहले, सीडीएस जनरल रावत की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे लगाए। अंत्येष्टि स्थल पर भी लोगों ने ऐसे ही नारे लगाए।जनरल रावत की अंतिम यात्रा यहां उनके आधिकारिक आवास से शुरू हुई। रास्ते में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। आम लोग हाथों में तिरंगा लिए फूलों से सजे उस वाहन के साथ दौड़ते नजर आए जिसमें जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर रखे हुए थे। रास्ते में लोगों ने अपने वाहन रोककर भी देश के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी को नम आंखों से विदाई दी।तिरंगे में लिपटे ताबूत में रखे जनरल रावत के अवशेषों को जैसे ही फूलों से सजी तोपगाड़ी में गाड़ी रखा गया, लोगों ने फूलों की पंखुड़ियों की बौछार की और ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे लगाए।

ज्ञात रहे कि बुधवार को, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया था। भारत के पहले सीडीएस के रूप में, जनरल रावत को सेना के तीनों अंगों के बीच थिएटर कमान और संयुक्तता लाने का काम सौंपा गया था। जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाए जाने से पहले उनके आधिकारिक आवास में रखा गया, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। देश की विभिन्न हस्तियों ने जनरल रावत के आधिकारिक आवास 3, कामराज मार्ग पहुंचकर उनके और उनकी पत्नी के अंतिम दर्शन किए तथा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कई देशों के सेना प्रमुख और बड़े सैन्य अधिकारी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे। जनरल रावत की दोनों बेटियों ने अपने माता-पिता के अवशेषों को तोपगाड़ी में अंत्येष्टि के लिए ले जाए जाने से पहले संबंधित पारंपरिक अनुष्ठान किए।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा कई अन्य गणमान्य लोगों ने आज जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

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