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डिप्रेशन पर ज्ञान देकर फंसे PAK वित्त मंत्री, लोग बोले- लोन डिफॉल्ट से बचने के लिए मांग रहे दुआ

लाहौर: पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल हो गए. उन्होंने परेशानी और डिप्रेशन को दूर करने से संबंधित एक दुआ ट्वीट किया था, जिसके बाद लोगों ने उन्हें ट्विटर पर घेर लिया. लोगों ने पाकिस्तान की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्री की खिंचाई कर दी और पूछा की क्या देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने और पाकिस्तान लोन में डिफॉल्ट न करे – इसके लिए उनके पास कोई दुआ है? एक शख्स ने ट्वीट किया, “भाई पहले ये बताओ कि आपके पास लोन डिफॉल्ट से बचने के लिए कोई दुआ है?

शहबाज सरकार के वित्त मंत्री को घेरते हुए एक ट्विटर यूजर ने कहा, “इसका साफ मतलब है कि आर्थिक स्थिति हाथ से निकल गई है और यहां तक ​​कि मुखर और स्वयंभू अनुभवी वित्त मंत्री भी अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि देश के सामने आने वाले लोन डिफॉल्ट के खतरे के बीच उन्हें सार्वजनिक प्रतिक्रिया से बचाया जाए.” एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “ब्रिटेन की यात्रा से वापस आने के बाद से हमारे वित्त मंत्री ने हमारे लिए जो सबसे अच्छा काम किया है, वह है एनएबी से अपनी खुद की संपत्ति जारी करना.”

इस हफ्ते की शुरुआत में, पाकिस्तान बिजनेस फोरम (PBF) ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से देश में ‘वित्तीय आपातकाल’ के खिलाफ जरूरी उपाय करने की अपील की. पीबीएफ के सीईओ अहमद जवाद ने कहा, “हमारे पास अभी भी 130 अरब डॉलर और तीन साल में 73 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है. अगले तीन सालों के लिए हमारा घाटा कम से कम 20 से 30 अरब डॉलर है. इसके अतिरिक्त, सुपर इंफ्लेशन गरीबों को मार रही है. यह एक वित्तीय आपात स्थिति है.”

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का कहना है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 6.7 बिलियन डॉलर पर आ गया है, जो लगभग चार सालों में इसका निम्नतम स्तर है. बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के आखिर से विदेशी मुद्रा भंडार में 784 मिलियन डॉलर की गिरावट आई है, जबकि कॉमर्शियल बैंकों के पास 5.8 अरब डॉलर की और हिस्सेदारी है. आखिरी बार पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2019 में 7 अरब डॉलर से नीचे गिर गया था, जब यह 6.6 अरब डॉलर था.

पाकिस्तान को आने वाले वित्तीय वर्ष में अपने विदेशी लेंडर्स को करीब 33 अरब डॉलर का भुगतान करना है, जिसमें चीन का लोन अमाउंट सबसे ज्यादा है. इतना ही नहीं हाल ही में एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ने पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया है. इनके अलावा सऊदी अरब 4.2 अरब डॉलर देना वाला है और इंटरनेशनल मोनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने भी 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का ऐलान किया है.

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