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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित संस्था पंचम धाम न्यास दक्षिण एशिया में सनातन संस्कृति के प्रचार –प्रसार की दिशा में 5वीं यात्रा 30 मई से शुरू

जयपुर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित संस्था पंचम धाम न्यास दक्षिण एशिया में सनातन संस्कृति के प्रचार –प्रसार की दिशा में अपनी 5वीं यात्रा 30 मई से शुरू कर रही है । आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इद्रेंश कुमार भारत की इस सांस्कृतिक यात्रा का नेतृत्व कर रहे है ।

वर्ष 2018 में कंबोडिया के सीमरीप के अंदर भगवान महादेव के मंदिर के निर्माण की नींव डाली गई थी । इसके बाद प्रत्येक वर्ष सैंकड़ो श्रद्धालु कंबोडिया महादेव के दर्शन करने जाते है । सीमरीप में कुलीन देवी के नाम से पवित्र नदी बहती है । मान्यता है इसमें स्नान करने वाले दंपति को संतान की प्राप्ति होती है । यह पवित्र नदी सहस्त्र शिवलिंग को पखारती हुई अविरल बहती है । जैसा कि हम जानते है कि इसी शहर में भगवान विष्णु का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर अंगकोर वाट भी स्थित है । मुहिम के महासचिव शैलेश वत्स ने बताया कुलेन हिंदुओं का आदि काल से पवित्र भूमि रही है। यहाँ के सहस्त्र शिवलिंग और भगवान विष्णु के मंदिर को बोद्ध धर्म के अनुआयी एवं यहाँ की सरकार ने सहेजकर रखा है। अच्छी बात है की भारत के लोग इस भूमि को अपने चार धाम की स्थली की श्रेणी में पाँचवें धाम के रूप में पूज रहे हैं। महादेव और भगवान विष्णु के मंदिर होने के कारण यह धार्मिक स्थल हिंदुओं के लिए आस्था का केन्द्र बन गया है ।

भारत में चार धामों की स्थापना हजार ईसा पूर्व हिंदू-धर्म के प्रचार प्रसार के लिए की गई थी । कंबोडिया में बहने वाली कुलीन नदी के तट को 5वें धाम के रूप में प्रतिष्टित किया जा रहा है । पंचम धाम न्यास को कई संगठनों एवं धर्म प्रेमियों का सहयोग प्राप्त है । लंदन के जाने-माने प्रवासी भारतीय सैलेश लालचू हीरानंदानी और अन्य कई प्रवासी के सहयोग से भगवान शिव के भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है ।

30 मई की इस पंचम धाम यात्रा में भारत से आरएसएस के इद्रेंश कुमार , श्याम पराँडे एवं अन्य अधिकारियों के अलावा बड़े कारोबारियों में अमननाथ, नीमराणा ग्रुप , बीकानेर वाला समूह के नवरत्न अग्रवाल ,एसेल वर्ल्ड की कविता जिंदल , विनोद जी एवं कई अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए लोग इस मुहिम में सक्रिय रूप में शामिल हैं और यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में भारत के अलावा दक्षिण एशिया के अन्य देशों से भारी मात्रा में प्रवासी भारतीय सम्मलित होते हैं।

2022 में ये यात्रा 30 मई से 5 जून तक निर्धारित है । जिसमें 100 से अधिक श्रद्धालु सिर्फ दिल्ली से जा रहे है । कंबोडिया में होने वाले इस कार्यक्रम में अनुप जलोटा अपनी टीम के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ मौजूद रहेंगे।। इस यात्रा में २ जून को संस्था की भूमि पर “सनातन संस्कार ध्यान केन्द्र” की नींव डाली जानी है । इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा प्रदत भूमि पर एक स्कूल और मुफ्त खाने की व्यवस्था आनेवाले पर्यटक और स्थानीय ज़रूरत मंद लोगों के लिये शुरू करने जा रही है ।

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