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जेल में मुस्लिम युवकों की दाढ़ी काटने पर सियासी दंगल, ओवैसी ने पूछा- भारत सरकार धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है?

हैदराबाद. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) ने मध्यप्रदेश के जेल (MP Jail) में अपनी सजा काट रहे दो मुस्लिम युवकों (Muslim Youths) को कथित तौर पर उनकी इच्छा के विरुद्ध अपनी दाढ़ी मुंडवाने के लिए मजबूर किए जाने पर आपत्ति जताई। ओवैसी ने इस घटना को हिरासत में की जाने वाली यातना बताया और कहा कि यह अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है।

ओवैसी ने कहा कि, “मध्य प्रदेश में 7% मुस्लिम आबादी है और प्रदेश की जेलों में अंडर ट्रायल मुस्लमान 14% है। ये साफ दिखता है कि भाजपा की हुकूमत वहां पर मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है।” हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने भारत सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा, “क्या भारत सरकार घोषणा करेगी कि हम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों में विश्वास नहीं करते? भाजपा खुलकर कह दे कि हम धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद और विविधता को नहीं मानते हैं।”

जेल जाने वालों में वाहिद, तालिब, आरिफ, भोला उर्फ सलमान हैं। सभी राजगढ़ जिले के जीरापुर के रहने वाले हैं। उधर, जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित से कार्रवाई की मांग करने वाले पांच लोगों ने कहा, “जेलर ने हमें बताया कि यह पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत है। आप जेल में दाढ़ी नहीं रख सकते।”पीड़ितों के परिवारों ने इस संबंध में मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग को पत्र भी लिखा है। ज्ञापन के अनुसार जेलर ने मुस्लिम धर्म का अपमान किया और प्रशासन कार्रवाई करे। उन्होंने पिछले 10 साल से अपनी दाढ़ी रखी है। उन्हें सीआरपीसी की धारा 151 के तहत जमानत देने से इनकार कर दिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। निरीक्षण के दौरान 14 सितंबर को जेल में जबरदस्ती उनकी दाढ़ी का मुंडन कराया गया।

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