उत्तराखंड

उत्तराखंड के सामर्थ्य से प्रभावित हुई राष्ट्रपति, कल ऐतिहासिक पल की बनेंगी ‘साक्षी’

देहरादून (गौरव ममगाई)। कल यानी 9 नवंबर 2023 का दिन, वैसे तो राज्य स्थापना दिवस के रूप में विशेष है ही, लेकिन इस बार का स्थापना दिवस ऐतिहासिक होगा, क्योंकि द्रोपदी मुर्मू के रूप में पहली बार राष्ट्रपति इस क्षण की गवाह होंगी. इस दौरान राष्ट्रपति उत्तराखंड का शौर्य एवं सामर्थ्य भी देखेंगी. उत्तराखंड की प्रतिभा एवं सामाजिक न्याय से राष्ट्रपति अभिभूत हैं. राष्ट्रपति ने राज्य के शैक्षिक स्तर, जनजातीय कल्याणए कृषि विकास से अन्य राज्यों को सीख लेने जरूरत बतायी. राज्य के 23वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्वारा राज्य की प्रशंसा मिलना इस बात का प्रमाण है कि राज्य प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है. यह सुनना गर्व की बात है.

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने तीनदिवसीय यात्रा की शुरुआत पंत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेकर की. यहां राष्ट्रपति युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा एवं दूरदर्शिता से परिचित हुई. वह हरित कृषि क्षेत्र में शोध में हो रहे अभूतपूर्व विकास से प्रभावित दिखीं. उन्होंने हरित कृषि को राष्ट्रीय मॉडल के रूप मे विकसित करने की जरूरत बतायी.वहीं, बुधवार को राष्ट्रपति एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (श्रीनगर) के दीक्षांत समारोह में पहुंचकर मेधावियों से रूबरू हुई. उन्होंने उत्तराखंड के शैक्षिक एवं बौध्दिक स्तर की सराहना की. बता दें कि 2011 जनगणना के अनुसार, भारत का साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है, जबकि उत्तराखंड का साक्षरता दर 79.63 है. इसमें पुरूष साक्षरता 88.33 व महिला साक्षरता दर 70.70 प्रतिशत है.

जनजातीय कल्याण की भी तारीफः::
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के बोक्सा व राजी जनजातीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत की. उन्होंने जनजातीय समुदायों के विकास की जानकारी ली, जिस पर उन्होंने खुशी जतायी. कहा कि राज्य में जनजातीय समुदाय भी साक्षरता दर में आगे है. बता दें कि राज्य में बोक्सा, राजी, जौनसारी, भोटिया व थारू आदि पांच जनजातीय समूह हैं, जिनमें राजी जनजाति की संख्या घट रही है. यहां बताना जरूरी है कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी जनजातीय समुदाय से आती हैं.

राष्ट्रपति का दौरा महत्वपूर्ण क्यों?

दरअसलए उत्तराखंड का 23वां स्थापना दिवस कई मायनों से अहम हैं, क्योंकि इस मौके पर राज्य ने विकास का जो रोडमैप तय किया है. वो जितना ऐतिहासिक है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है. इनमें कई मुख्य लक्ष्य हैं.

  • अगले 5 वर्षों में दोगुनी अर्थव्यवस्था का लक्ष्यः- बता दें कि वर्ष 2022.23 में राज्य की कुल अर्थव्यवस्था 3 लाख 2 हजार करोड़ थी, जो कि 7.09 प्रतिशत है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अगले 5 वर्षों में जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
  • अगले महीने ग्लोबल इन्वेस्टर समिटः- अगले महीने उत्तराखंड में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आय़ोजन होगा, जिसमें सीएम धामी ने 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सीएम धामी ने लंदनए यूएई के साथ देश के बड़े पूंजीपतियों को निवेश हेतु आमंत्रित किया है.
  • यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य में यूसीसी लागू करने जा रहे हैं. अभी तक भाजपा किसी भी राज्य में यूसीसी को लागू करने में सफल नहीं हो सकी है. ऐसे मे उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना न सिर्फ उत्तराखंड के लिए बल्कि भाजपा के लिए भी बड़ी उपलब्धि होगा.
  • भू-कानूनः- राज्य के जलए जंगल, जमीन को सुरक्षित रखने के लिए सीएम धामी सख्त भू-कानून लाने की तैयारी में है. इससे उद्योगों के नाम पर सरकारी भूमि को कब्जाने वालों पर सख्ती की जाएगी.

इन बड़े लक्ष्यों की दृष्टि से यह समय राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस लिहाज से इस समय राष्ट्रपति का यहां आना प्रदेश के लिए हौसला बढ़ाने जैसा है. वहीं सीएम धामी भी राज्य के विकास का रोडमैप व उपलब्धियों को राष्ट्रपति के समक्ष रखेंगे. यूं कहना भी गलत न होगा कि राष्ट्रपति उत्तराखंड की उपलब्धियों की साक्षी बनेंगी.

बदरीनाथ के दर्शन किए::

बुधवार सुबह राष्ट्रपति ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर बद्रीनाथ जी के दर्शन किए. उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी व राज्यपाल डॉ. गुरमीत सिंह उपस्थित रहे.

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