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प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की दो बड़ी योजनाएं, बोले- स्वच्छता जीवन का मंत्र और पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता को जीवन शैली और जीवन का मंत्र करार देते हुए आज कहा कि यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला अभियान है जिसके बल पर देशवासियों को ऐसे स्वच्छ तथा समृद्ध भारत के निर्माण का संकल्प लेना है जो दुनिया के लिए सतत जीवन की प्रेरणा बन सके। मोदी ने शुक्रवार को यहां स्वच्छ भारत मिशन शहरी और अमृत योजना के दूसरे चरण की शुरूआत करते हुए सभी राज्यों और शहरी निकायों का आह्वान किया कि वे समाज के गरीब तबके विशेष रूप से रेहड़ी पटरी वालों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को सफल बनाने के लिए भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करें जिससे इनके जीवन को खुशहाल बनाया जा सके। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को जीवन शैली करार देते हुए कहा, “हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।”

उन्होंने कहा कि देशवासियों ने वर्ष 2014 में समूचे देश को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त कराने का संकल्प लिया था और दस करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण कर यह संकल्प पूरा किया गया। स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत अब कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा , “ मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को जल सुरक्षा से परिपूर्ण बनाना और ये सुनिश्चित करना है कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।” उन्होंने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।”

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मिशन की शुरूआत गांधी जयंती से एक दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय अंबेडकर भवन में की जा रही है। यह इन दोनों को देश की ओर से श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा , “ बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे। बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है। ये उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है। एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी स्थिति में रहना। इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबा साहेब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। ” उन्होंने कहा कि इस योजना के दूसरे चरण में हमें देश के शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त कराना है।

समाज के गरीब वर्ग के लोगों विशेष रूप से रेहड़ी पटरी वालों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को आशा की नयी किरण करार देते हुए उन्होंने कहा कि सभी महापौरों, निगमआयुक्तों , निगम पार्षदों और विधायकों को इस योजना को सफल बनाने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए जिससे कि इनके जीवन को खुशहाल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी को इन लोगोंं को डिजिटल लेन देन में पारंगत बनाने के लिए इन्हें प्रशिक्षण देने के लिए आगे आना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं के कारण ये लोग बैंकों से आसानी से ऋण ले रहे हैं और डिजिटल लेन देन अपना कर एक क्रांति का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में रेहड़ी पटरी वालों ने सात करोड़ रूपये का लेन देन डिजिटल माध्यम से कर इस दिशा में आगे बढने के संकेत दिये हैं और उन्हें इसमें समर्थन तथा सहयोग की जरूरत है। रेहड़ी पटरी वालों को ऋण देने में उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य राज्यों से भी इस दिशा में आगे बढने को कहा।

पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा शहरी विकास के लिए पर्याप्त राशि आवंटित न किये जाने का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले के सात वर्षों में शहरी विकास के लिए केवल सवा लाख करोड़ रूपये का बजट रखा गया था जबकि इसके बाद सात वर्षों में चार लाख करोड़ रूपये की राशि इस क्षेत्र के लिए निर्धारित की गई। कचरे का निपटान कर उसका उपयोग करने की योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा , “ आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन कचरा प्रोसेस कर रहा है। वर्ष 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम प्रोसेस होता था। आज हम करीब 70 प्रतिशत डेली वेस्ट प्रोसेस कर रहे हैं। अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना है। ”

उन्होंने कहा कि देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “अभी अगस्त के महीने में ही देश ने राष्ट्रीय वाहन स्क्रेपिंग नीति लॉन्च की है। ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, वेस्ट टू वेल्थ के अभियान को, सर्कुलर इकॉनॉमी को और मजबूती देती है।” इससे पहले कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर तमिलनाडु , गुजरात , असम और ओड़िशा के मुख्यमंत्रियों तथा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल ने अपने संदेश तथा शुभकामनाएं दी। इस मौके पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और कई राज्यों के मुख्यमंत्री तथा शहरी निकायों के प्रमुख भी मौजूद थे।

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