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अशुभ नहीं हैं राहु और केतु, एक झटके में बना देते हैं धनवान

ज्योतिष : किसी भी तरह की पूजा हो उसमें नौग्रह का पूजन जरूर किया जाता है। इस नौग्रह में राहु व केतु भी शामिल हैं। गौरतलब है कि बीते 23 सितंबर को राहु ने वृष राशि में प्रवेश किया है तो केतु वृश्चिक राशि में आए हैं।

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राहु-केतु का राशि परिर्वतन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्‍य देशों में भी भारी उथल-पुथल मचा सकता है। कई देशों के बीच युद्धि के हालात बन सकते हैं। महामारी और भी विकराल रूप ले सकती है। राहु और केतु को क्रूर ग्रह माना जाता है। किसी भी राशि के जातकों पर इनकी ग्रहदशा उनके बुरे दिन शुरू कर देती है। भले ही सारी दुनिया राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से जूझ रही हो, लेकिन इस बीच कुछ जातक ऐसे भी होंगे जो राहु-केतु की वजह से विशेष लाभ प्राप्‍त करेंगे।

कुंडली के कुछ स्‍थानों में राहु और केतु की मौजूदगी शुभ परिणाम देती है और जातकों को लाभ करवाती है। जिन जातकों की कुंडली में राहु और केतु तीसरे भाव में हो तो यह बहुत शुभ माना जाता है। कुंडली का तीसरा भाव बल और पराक्रम का माना जाता है। यदि आपकी कुंडली के तीसरे भाव में राहु-केतु हों तो आपको डरने की नहीं बल्कि खुश होने की जरूरत है। इस भाव में राहु और केतु के होने से जातक अपने बल और पराक्रम की बदौलत जीवन में मुकाम प्राप्‍त करता है। ऐसे जातक पेशे से पहलवान या फिर बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में करियर चमकाते हैं। इस भाव में राहु और केतु जातक को स्वावलंबी, महत्वाकांक्षी और दृढ़ संकल्प वाला बनाएंगे।

हानि नहीं पहुंचा पाते शत्रु

कुंडली का छठां भाव शत्रु का माना जाता है। कुंडली के इस भाव में राहु और केतु के होने से शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाते। ऐसे लोग अपनी ऊर्जा का प्रयोग अच्‍छे कार्यों में करते हैं और कामयाबी प्राप्‍त करते हैं। ऐसे लोग बड़े-बड़े फैसले कई बार एक झटके में ले लेते हैं।

कोर्ट कचहरी के मामलों में भी इन्‍हें विजय प्राप्‍त होती है। ऐसे लोगों को रुपये-पैसे का लेनदेन किसी के साथ करने से बचना चाहिए। ऐसे लोग जिनकी कुंडली के 10वें भाव में राहु और केतु विराजमान होते हैं, वे करियर में खूब तरक्‍की और सफलता प्राप्‍त करते हैं। ऐसे लोग राजनीति और सरकारी क्षेत्र में कामयाबी का गगन चूमते हैं। ऐसे जातकों के अंदर कुशल नेतृत्‍व क्षमता होती है। इन्‍हें हर कार्य में सफलता मिलती है। हालांकि ऐसे लोग पैसा खर्च करने में थोड़े कंजूस होते हैं। इनका यह स्‍वभाव इन्‍हें लाभ देता है और ये धन की बचत कर पाने में सफल होते हैं। ऐसे जातकों को मेहनत का पूरा फल मिलता है और अपने दम पर अपना मुकाम बना पाते हैं।

11 वें भाव में राहु-केतु के होने से शुभफलदायी

अगर किसी जातक की कुंडली के 11वें भाव में राहु और केतु हैं तो यह बहुत ही शुभफलदायी माना जाता है। कुंडली का यह भाव व्‍यय का भाव माना जाता है। इस भाव में राहु और केतु के होने से आपको ऐसे क्षेत्र में व्‍यय करने का मौका मिलता है, जहां से आपका धन दोगुना होकर लौटता है। ग्रह के शुभ प्रभाव की वजह से आपको निवेश के कार्यों में लाभ मिलता है। आप जिस भी व्‍यापार और काम धंधे में व्‍यय करते हैं उसमें लाभ मिलता है।

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जिन जातकों की कुंडली मेष, वृष और कर्क लग्‍न में केतु हों उन्‍हें भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। केतु के होने की वजह से उन्‍हें हर कार्य में सफलता मिलती है। उनके दांपत्‍य जीवन में भी मधुरता आती है। अगर आपकी कुंडली के 12 वें भाव केतु हो तो व्यक्ति अपनी मेहनत का पूरा प्रतिफल पाते हैं। ऐसे लोग मृत्यु के बाद उत्तम कर्मों से मोक्ष प्राप्त करते हैं। आपको धन संपत्ति के मामले में भी सफलता मिलती है।

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