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एप्पल को लगा बड़ा झटका जब एंड्रॉयड ने किया पीछे…

160427152204_apple_1_640x360_getty_nocreditन्यूयॉर्क| बात जब विश्वसनीयता और प्रदर्शन की आती है तो एप्पल के आईफोन और आईपैड, एंड्रॉयड स्मार्टफोन के मुकाबले कहीं ज्यादा खराब होते हैं। एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। वैश्विक डाटा सुरक्षा कंपनी बलांक्को टेक्नॉलजी समूह के मुताबिक आईओएस (एप्पल) पर आधारित डिवाइस की विफलता दर साल 2016 की दूसरी तिमाही में 58 फीसदी रही, जबकि एंड्रॉयड के स्मार्टफोन की विफलता दर इस दौरान 35 फीसदी रही।

एप्पल के आईफोन

सॉफ्टपीडिया डॉट कॉम ने इस अध्यन के हवाले से कहा कि पहली बार एप्पल के डिवाइसों का प्रदर्शन एंड्रॉयड से कमतर देखा गया है।

आईफोन 6 की विफलता दर सबसे अधिक 29 फीसदी है, जिसके बाद आईफोन 6एस और आईफोन 6 एस प्लस की बारी है।

इस अध्ययन में ऑपरेटिंग सिस्टम, निर्माता, मॉडल और क्षेत्र के आधार पर विफलता दर निकाली गई।

साल 2016 की पहली तिमाही में एंड्रॉयड डिवायसों की विफलता दर 44 फीसदी रही।

इस अध्ययन में बताया गया, “सैमसंग, लेनोवो और लीटीवी के फोन सबसे ज्यादा विफल रहे। सैमसंग की विफलता दर 26 फीसदी थी तो मोटोरोला की विफलता दर केवल 11 फीसदी थी।”

 आईओएस के डिवाइस सबसे ज्यादा नार्थ अमेरिका और एशिया में विफल पाए गए। इन देशों में बेचे गए फोन की गुणवत्ता भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है।

आईओएस के साथ सबसे प्रमुख समस्या वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होना, कनेक्शन कट जाना, कम स्पीड और गलत पासवर्ड का बार-बार संकेत देना रहा।

वहीं, एंड्रॉयड फोन में कैमरा की खराबी, बैटरी चार्जिग की खराबी, टचस्क्रीन की खराबी और एप का क्रैश होना प्रमुख विफलता रही।

इस अध्यययन के निष्कर्षों के मुताबिक, आईओएस के 50 फीसदी एप्लिकेशन क्रैश हुए जबकि एंड्रॉयड के महज 23 फीसदी ऐप ही क्रैश हुए।

आईओएस डिवाइसों में सबसे ज्यादा फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट ऐप में खराबी आई।

 

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