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साबरमती आश्रम: महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने दी पुनर्विकास परियोजना को हाईकोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने राज्य सरकार की साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना को चुनौती देते हुए गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की है। हाल ही में दाखिल की गई इस याचिका पर दीपावली की छुट्टियों के बाद सुनवाई होने की संभावना है।

अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम, महात्मा गांधी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से बहुत करीबी से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार इसे पुनर्विकसित कर और इसके आस-पास स्थित 48 मौजूदा विरासतों को एक साथ लाकर 54 एकड़ जमीन परएक विश्व स्तर का पर्यटन आकर्षण बनाना चाहती है।

बापू की इच्छाओं और सिद्धांतों के खिलाफ है योजना
तुषार, अरुण गांधी के बेटे हैं, जिनके पिता मणिलाल थे जो महात्मा गांधी के तीसरे बेटे थे। तुषार गांधी ने बुधवार को पीआईएल में इस 12 करोड़ रुपये की लागत वाले गांधी आश्रम स्मारक एवं भवन विकास परियोजना को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यह महात्मा के सिद्धांतों व इच्छाओं के खिलाफ है।

गुजरात सरकार और ट्रस्ट समेत इन्हें बनाया प्रतिवादी
सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक तुषार गांधी ने कहा कि पीआईएल में गुजरात सरकार समेत सभी छह ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है जो आश्रम की विभिन्न गतिविधियों की देखभाल करते हैं। इसके अलावा गांधी स्मारक निधि और अहमदाबाद नगर निगम व अन्य को भी प्रतिवादी बनाया गया है।

सरकार को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
उन्होंने कहा कि हमने इन ट्रस्ट के सामने सवाल उठाए हैं कि वह अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहे हैं। राज्य को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि गांधी स्मारक निधि के संविधान के अनुसार बापू के आश्रम व स्मारकों को सरकार व राजनीतिक प्रभाव से दूर रखा जाना चाहिए।

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