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समीर वानखेड़े को को बड़ी राहत, जाति प्रमाण पत्र जांच समिति से मिली ‘क्लीन चिट’

नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, जाति जांच समिति ने NCB के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को अब क्लीन चिट दे दी है। मामले पर समिति ने अपने आदेश में कहा कि, दरअसल वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। यह भी कहा गया कि, यह साबित नहीं हुआ है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन यह साबित हो गया है कि वे महार-37 अनुसूचित जाति के थे। पता हो कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन के ड्रग्स केस में वानखेड़े विवादों में आए थे।

गौरतलब है कि, बीते मई 2022 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने जाति प्रमाण पत्र जांच समिति द्वारा जारी नोटिस को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। दरअसल समिति ने नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उसका जाति प्रमाण पत्र जब्त किया जाए। वहीं मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति ने इस साल बीते 29 अप्रैल को वानखेड़े को नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा था कि शिकायतों और दस्तावेजों के अवलोकन से साबित होता है कि वह (वानखेड़े) मुस्लिम धर्म से हैं। साथ ही उनसे कारण बताने के लिए कहा कि क्यों उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द और जब्त नहीं किया जाना चाहिए।

तब मामले पर बीते 4 मई को HC में दायर अपनी याचिका में, वानखेड़े ने दावा किया था कि, नोटिस ‘अवैध’, मनमाना और उन्हें अपना बचाव करने का अवसर दिए बिना जारी किया गया। उन्होंने दोहराया कि वह महार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिसे अनुसूचित जाति (SC) के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय न तो कोई झूठी जानकारी दी और न ही कोई गलत दस्तावेज दिया था। वहीं भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी ने दावा किया थी कि भले ही उनकी मां धर्म से मुस्लिम थीं, उन्होंने जन्म से ही हिंदू धर्म को माना और हिंदू प्रथाओं और रीति-रिवाजों का पालन किया था।

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