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स्मृति या राहुल, अमेठी में कौन किस पर भारी, दिवाली गिफ्ट से चर्चा तेज

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने बचे हैं। उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट के पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी अपने समर्थकों के बीच मिठाईयां और शर्ट बंटवाई। इसके बाद चर्चा होने लगी है कि क्या यहां फिर से राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी का मुकाबला देखने को मिलेगा?

2019 में राहुल गांधी के स्मृति ईरानी से चुनाव हारने के बाद से न तो राहुल और न ही उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी में सक्रिय दिखे हैं। लेकिन इस दिवाली से ठीक पहले दोनों कांग्रेस नेताओं की तस्वीरों वाले उपहार बैग पार्टी समर्थकों को वितरित किए गए हैं। गिफ्ट बैग में दिवाली के लिए बिना सिले कपड़े, पूजा सामग्री, मिठाइयां और दीये थे। अमेठी में एक कांग्रेस नेता के अनुसार 5,000 ऐसे बैग वितरित किए गए।

स्मृति ईरानी ने भी अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को तोहफे बांटे। स्थानीय बीजेपी नेताओं ने बताया कि स्मृति ईरानी की ओर से करीब 1 लाख घरों में उपहार बांटे गए। इन उपहारों में किसी के लिए साड़ियां, मिठाइयां, तो किसी के लिए खाने का पुलाव और मोबाइल फोन शामिल थे। उपहार स्मृति ईरानी की तस्वीरों वाले बैग में दिए गए।

बीजेपी नेताओं ने बताया कि स्मृति ईरानी की ओर से युवाओं को करीब 300 स्मार्टफोन भी बांटे गए हैं। जिले में पार्टी की सोशल मीडिया टीम से जुड़े लोगों को ये फोन दिए गए हैं। अमेठी में भाजपा नेता चंद्रमौली ने कहा, ”स्मृति ईरानी हर साल अमेठी के लोगों को उपहार बांटती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। इस साल हम साड़ियों, मिठाइयों और अन्य उपहारों के साथ 1 लाख परिवारों तक पहुंचे हैं।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को उपहार बांटता देख कांग्रेस ने भी यह कदम उठाया है।

आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा, ”राहुल और प्रियंका हर त्योहार में अमेठी के लोगों को याद करते हैं और हर त्योहार पर उन्हें उपहार भेजते हैं। इस बार इसे आगामी लोकसभा चुनावों के कारण ही उजागर किया गया है।” उन्होंने कहा, ”यह स्मृति ईरानी और उनकी टीम है जो साढ़े चार साल बाद अचानक सक्रिय हो गई है।”

राहुल गांधी के दोबारा अमेठी से चुनाव लड़ने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के साथ-साथ अन्य नेताओं ने बार-बार राहुल के यहां से चुनाव लड़ने की बात की है। आपको बता दे कि अमेठी कभी गांधी परिवार का गढ़ था।

पूर्व एमएलसी सिंह ने कहा, “राहुल गांधी का पांच साल का वनवास 2024 में खत्म हो रहा है। इस बार अमेठी के वास्तविक विकास के लिए यहां की जनता राहुल और प्रियंका गांधी को वापस अमेठी लाने की तैयारी कर रहे हैं।”

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